
उच्चतम न्यायालय ने ऑटोमोबाइल कंपनियों से कहा है कि प्रदूषण मानक बीएस-3 वाले वाहनों की बिक्री, सरकार के प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को निष्प्रभावी बना रही है। न्यायालय ने संकेत दिया कि ऐसे वाहनों के पंजीकरण पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है या इनके प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की भरपाई के लिए कुछ लागत वसूली जा सकती है। उच्चतम न्यायालय ने यह बात ऑटोमोबाइल निर्माताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए कही। कॉर्बन उत्सर्जन संबंधी बीएस-4 के मानदंड पहली अप्रैल से लागू हो रहे हैं। इसे देखते हुए ही ऑटोमोबाइल कंपनियों ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। इन कंपनियों का कहना था कि उन्हें ऐसे आठ लाख बीस हजार बीएस-3 वाहनों की बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए जो बनकर तैयार हैं। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
