परंपरागत चिकित्सा के लिए भारत और इंडोनेशिया के बीच समझौता मील का पत्थर: प्रतापराव

नई दिल्ली, 13 फरवरी 2025। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की उपस्थिति में 25 जनवरी, 2025 को हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली में भारत और इंडोनेशिया के बीच पारस्पबरिक समझौता ज्ञापन। भारत और इंडोनेशिया के बीच आदान-प्रदान किए गए समझौता ज्ञापनों में से एक भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी के लिए फार्माकोपिया आयोग, आयुष मंत्रालय और इंडोनेशियाई खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण के बीच परंपरागत चिकित्सा गुणवत्ता आश्वासन के क्षेत्र में है।
आयुष मंत्रालय के भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी फार्माकोपिया आयोग और इंडोनेशियाई खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण के बीच 25.01.2025 को परंपरागत चिकित्सा गुणवत्ता आश्वासन के क्षेत्र में भारत और इंडोनेशिया के बीच हुए समझौता ज्ञापन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रतापराव जाधव ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन विश्वकव्याएपी मापदंडों को ऊंचा उठाने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो 25 जनवरी, 2025 को हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली में भारत और इंडोनेशिया के बीच समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के प्रत्य क्षदर्शी बने।
समझौता ज्ञापन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रतापराव जाधव ने कहा, “यह सहयोग परंपरागत दवाओं की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे इस मूल्यवान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के लिए अधिक एकीकृत और वैज्ञानिक रूप से विनियमित दृष्टिकोण के लिए मंच तैयार होगा।”
पारस्पहरिक समझौता ज्ञापन की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा, “इस रणनीतिक सहयोग के माध्यम से हम ज्ञान के अधिक से अधिक आदान-प्रदान, क्षमता वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं और वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में पारंपरिक चिकित्सा की भूमिका को मजबूत कर रहे हैं। भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी के लिए फार्माकोपिया आयोग (पीसीआईएमएण्डिएच) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (क्यूिएमएस) के लिए एक आईएस/आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित संस्थान है जो भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी के लिए मानकों को स्थापित करने और बनाए रखने के लिए समर्पित है। प्रमुख संस्थानों के बीच यह साझेदारी सभी हितधारकों को महत्वपूर्ण रूप से लाभप्रद होगी।
यह रणनीतिक साझेदारी परंपरागत चिकित्सा गुणवत्ता आश्वासन में सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जिसमें दोनों पक्ष विभिन्न प्रकार के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं।