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26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण, रखें विशेष ध्यान

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पंचांग के अनुसार 26 मई 2021 बुधवार को वैशाख मास की पूर्णिमा की तिथि को इस वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. चंद्र ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में एक प्रमुख घटना के तौर पर देखा जाता है. चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल का भी विशेष महत्व बताया गया है.
चंद्र ग्रहण: दिन, समय और राशि
ज्योतिष गणना और पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर बाद 2 बजकर 17 मिनट से आरंभ होगा और शाम 07 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा. इस ग्रहण को साल का प्रथम ग्रहण माना जा रहा है. विज्ञान के मुताबिक सूर्य और चंद्रमा के बीच में जब पृथ्वी आ जाती है तो ये तीनों एक सीधी लाइन में होते हैं. इसी स्थिति को चंद्र ग्रहण कहा जाता है.
सूतक काल का नियम
मान्यता के अनुसार चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व सूतक काल प्रारंभ होता है. सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दौरान मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं. इस दौरान भोजन भी नहीं किया जाता है. सूतक काल में घर से बाहर जाना भी शुभ नहीं माना जाता है. सूतक काल समाप्त होने के बाद स्नान करने के बाद ही कोई कार्य करना चाहिए.
गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों का ध्यान रखना चाहिए
सूतक काल में गर्भवाती महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. ग्रहण के समय चंद्रमा पीडि़त हो जाता है. चंद्रमा पर तेज आंधी और अन्य क्रियाएं होती है. इसलिए इस दौरान शुभ कार्यों को न करने की सलाह दी जाती है.
26 मई को लगने वाले चंद्र ग्रहण में सूतक नियम की स्थिति
26 मई पूर्णिमा की तिथि को लगने वाले चंद्र ग्रहण को उपछाया चंद्र ग्रहण माना जा रहा है. मान्यता है कि जब पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है तभी सूतक नियमों का पालन किया जाता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है. उपछाया ग्रहण में शुभ कार्य किए जा सकते हैं, इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद नहीं होते हैं.

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