
मिथुन, तुला राशि समेत इन राशियों को मिलेगी राहत, जानें शनि के उपाय
शनि देव वर्तमान समय में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. शनि इस समय वक्री होकर मकर राशि में विराजमान हैं. शनि जब वक्री होते हैं तो पीडि़त हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि को सभी ग्रहों में न्याय का देवता माना गया है.
शनि देव का ये उपाधि भगवान शिव ने प्रदान की है. शनि देव भगवान शिव के भक्त हैं. शनि देव ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी. तपस्या से प्रसन्न होकर ही भवगान शिव ने शनि देव को सभी ग्रहों का न्यायाधीश बनाया था. भगवान शिव के वरदान के कारण ही शनि देव की दृष्टि मनुष्य, देवता और पिशाच भी नहीं बच सकते हैं. यही कारण है कि शनि देव की दृष्टि से हर कोई घबराता है.
शनि देव जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति का जीवन बाधा, संकट और परेशानियों से भर देते हैं. शनि देव अपनी दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के समय व्यक्ति को दंडित करने का भी कार्य करते हैं. शनि के प्रकोप से बचना है तो जीवन में गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए. क्योंकि मान्यता है कि शनि देव व्यक्ति के कर्मों के आधार पर ही शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं.
सावन का शनिवार
सावन मास भगवान शिव को समर्पित है. सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. सावन मास में शनि देव की पूजा करने से शनि शांत होते हैं. सावन में पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. पंचांग के अनुसार 31 जुलाई 2021 को शनिवार का दिन है. इस दिन श्रावण मास यानि सावन की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है. इस दिन अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक बना हुआ है.
शनि की ढैय्या
मिथुन राशि
तुला राशि
शनि की साढ़ेसाती
धनु राशि
मकर राशि
कुंभ राशि
शनि की दृष्टि
शनि की मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की दृष्टि है. इसके साथ जिन लोगों की जन्म कुंडली में शनि की दशा चल रही है, उन्हें भी सावधान रहने की जरूत है.
शनि के उपाय
शनि को शांत करने के लिए 31 जुलाई शनिवार को शनि मंदिर में शनि देव की पूजा करें. इस दिन सरसों को तेल चढ़ाएं. इस दिन शनि मंत्र और शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए. इसके साथ ही शनि भगवान से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए. ऐसा करने से शनि देव शांत होते हैं.
