सनातन और धार्मिक चेतना के विस्तार की संकल्पना में मंदिर महासंघ का गठन

मंदिरों को समन्वय, सेवा और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के साझा संकल्प में जोड़ने चंडी मंदिर में हुई ट्रस्टियों और प्रबंधन समितियों की बैठक
महासमुंद। जिले के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन को लेकर जिले के विभिन्न मंदिर ट्रस्टों और प्रबंधन समितियों के पदाधिकारियों की ऐतिहासिक बैठक चंडी माता मंदिर, घुंचापाली के पवित्र प्रांगण में हुई। बैठक में मंदिर महासंघ की स्थापना कर जिले के समस्त मंदिरों के ट्रस्ट और समितियों को एक साझा मंच पर लाने का संकल्प लिया गया। बैठक की शुरूआत मां चंडी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और वैदिक मंत्रोच्चार से हुई। इस अवसर पर श्री चंडी माता मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष लालचंद जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए चंडी धाम के इतिहास और सेवाभाव की परंपरा का परिचय कराया।
बैठक के सूत्रधार और विचार प्रस्तावक डॉ. नीरज गजेंद्र ने मंदिरों के बदलते स्वरूप और सामाजिक जिम्मेदारियों पर सारगर्भित उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं हैं, वे सांस्कृतिक चेतना, सेवा और सामूहिक ऊर्जा के केंद्र हैं। हमें इन्हें परंपरा के साथ आधुनिकता से भी जोड़ना होगा। उन्होंने हाल ही में तिरुपति में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन में प्राप्त अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमें मंदिरों को आधुनिक तकनीक, पारदर्शी प्रबंधन और सामाजिक सहभागिता के केंद्र में लाना होगा, जिससे अगली पीढ़ी को भी मंदिरों से भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव प्राप्त हो।
सिरपुर के प्राचीन गंधेश्वर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष दाऊलाल चंद्राकर (जिन्हें मंदिर महासंघ संयोजक मंडल का अध्यक्ष चुना गया) ने कहा कि यह मंच किसी हस्तक्षेप के लिए नहीं है। यह मंच किसी एक संगठन का नहीं है। यह मंच हम सबका है। हर ट्रस्ट, हर समिति, हर सेवक और हर श्रद्धालु का है। यह एक अवसर है, जहां हम विचार करें कि कैसे हमारे मंदिर बेहतर संचालित हों, कैसे श्रद्धालुओं को सुविधा, सुरक्षा और शांति मिले और कैसे हम अपनी अगली पीढ़ी को मंदिरों से जोड़ें सकें।
बैठक का संचालन दानवीर शर्मा ने किया। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए मंदिर प्रतिनिधियों आनंद गोयल, सुवर्धन प्रधान, सेवाशंकर अग्रवाल, ईश्वर सिन्हा, राहुल श्रीवास, विजय शर्मा, हरीश देवांगन, विनोद दीवान आदि ने खुलकर अपने विचार और सुझाव रखे। सभी ने सहमति जताई कि अब समय है कि मंदिरों के संरक्षण, सुविधा विस्तार, सांस्कृतिक आयोजन और सेवा कार्यों को समन्वय के साथ आगे बढ़ाया जाए।
समारोह के अंत में आभार प्रदर्शन करते हुए श्री चंडी माता मंदिर ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष नंदकिशोर चंद्राकर ने आयोजन संस्था की ओर से सभी प्रतिनिधियों को श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। तय किया गया कि महासंघ की अगली बैठक सरायपाली में आयोजित होगी, जिसमें पूर्ण कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। बैठक में चंद्रकांत भोई, संदीप सिन्हा, अनुभा सिंह, ज्ञानचंद, दीपक चंद्राकर, सुखीराम हिरवानी, मोहन वर्मा, अजय अग्रवाल, विष्णु सिन्हा, इंद्रजीत सलूजा, खोम सिन्हा, रोशन पटेल, पीयूष अग्रवाल, थनवार यादव, पोखराज साहू, पुरुषोत्तम ओझा, मोहित साहू, रामजी तिवारी, रमेश चंद्राकर, ऋषिकेश शुक्ला, सुरेश चंद्राकर, चोवाराम साहू, लक्ष्मी चंद्राकर, सोनू चंद्राकर, घनश्याम पटेल, मूलचंद कोचर, लोकेश दीवान और खोरबाहरा साहू समेत अनेक पदाधिकारी विशेष रूप से मौजूद रहे।
मंदिर महासंघ के अध्यक्ष बने दाऊलाल चंद्राकर
बैठक में मंदिर महासंघ की जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन किया गया, जिसमें गंधेश्वर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष दाऊलाल चंद्राकर को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। समिति में डॉ. नीरज गजेंद्र, लालचंद जैन, दानवीर शर्मा, ईश्वर सिन्हा, आनंद गोयल, सेवाशंकर अग्रवाल, टेकलाल डड़सेना, सुरेंद्र सलूजा, गोपाल शर्मा, सुरेश चंद्राकर, तोषराम साहू, विजय शर्मा निरंजन अग्रवाल, थानसिंग, रमेश भोई सहित कई पदाधिकारी संस्थापक सदस्य बनाए गए।