
प्रधानमंत्री ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे नये भारत के सपने को साकार करने के लिए देश में हो रहे बदलाव में भागीदार बनें। आकाशवाणी से प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि सवा सौ करोड़ देशवासियों की बदलाव की आकांक्षा ही नये भारत की नींव बनेगी। उन्होंने कहा कि अगर सवा सौ करोड़ देशवासी नये भारत का संकल्प करें और इसे पूरा करने की ठान लें तो यह सपना हमारी आंखों के सामने साकार हो सकता है।
न्यू इंडिया न तो कोई सरकारी कार्यक्रम है, न ही किसी राजनैतिक दल का मेनीफेस्टो है और न ही ये कोई प्रोजेक्ट है। न्यू इंडिया सवा सौ करोड़ देशवासियों का आह्वान है। यही भाव है कि सवा सौ करोड़ देशवासी मिलकर के कैसा भव्य भारत बनाना चाहते हैं। सवा सौ करोड़ देशवासियों के मन के अंदर एक आशा है, एक उमंग है, एक संकल्प है, एक चाह है।
श्री मोदी ने लोगों से अनुशासित और संकल्प के साथ स्वराज से सुराज तक की यात्रा में भागीदारी का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसे लाखों लोग हैं जो अपनी निजी जिम्मेदारियों के अलावा शोषितों, वंचितों और गरीबों के लिए बगैर किसी स्वार्थ के काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक नागरिक अगर अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करेगा तो वह नये भारत के सपने को मूर्त रूप देने में अपना योगदान दे सकता है।
गांधी जी के चंपारण आंदोलन का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गांधी जी के आंदोलनों की विशेषता थी की संघर्ष और सृजन दोनों एक साथ चलते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में देश में डिजिटल भुगतान का माहौल बना है। श्री मोदी ने कहा कि नोटबंदी के बाद भीम ऐप की लोकप्रियता बढ़ी है और दो ढाई महीने में ही डेढ़ करोड़ लोगों ने इसे डाउन लोड किया। कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के अपने संकल्प को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासियों को डिजिटल भुगतान अपनाकर इसमें भागीदारी करनी चाहिए।
मेरे प्यारे देशवासियों, काले धन, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को हमने आगे बढ़ाना है। सवा-सौ करोड़ देशवासी इस एक वर्ष में ढाई हजार करोड़ डिजिटल लेन-देन का काम करने का संकल्प कर सकते हैं क्या? हमने बजट में घोषणा की है सवा-सौ करोड़ देशवासियों के लिए ये काम अगर वो चाहें, तो एक साल का इंतजार करने की जरूरत नहीं है छह महीने में कर सकते हैं।
देहरादून की एक छात्रा गायत्री के संदेश का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है। लोगों के मन का यह भाव अच्छे परिणामों के संकेत देता है।
प्रधानमंत्री ने भोजन की बर्बादी पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे बहुत से गरीबों का पेट भर सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जायेगा। संयुक्त राष्ट्र ने इस वर्ष स्वास्थ्य दिवस का विषय ‘’अवसाद’’ तय किया है। उन्होंने कहा कि अवसाद से छुटकारा पाने के लिए इसे छुपाने की बजाय परिवार के सदस्यों और मित्रों के सहयोग से इसे दूर करना आवश्यक है। श्री मोदी ने कहा कि योग भी अवसाद से छुटकारा पाने का एक सशक्त माध्यम हो सकता है।
तनाव से मुक्ति, दबाव से मुक्ति, प्रसन्न चित्त की ओर प्रयाण – योग बहुत मदद करता है। 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है, ये तीसरा वर्ष होगा। आपके मन में तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के संबंध में अगर कोई सुझाव है, तो आप मेरे मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम अपने सुझाव मुझे जरूर भेजें, मार्गदर्शन करें।
कामकाजी महिलाओं के कल्याण के मद्देजनर केन्द्र के बड़े फैसले का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दी गई है।
इसका मूल उद्देश्य उस नवजात शिशु की देखभाल, मां का उसको भरपूर प्यार मिले, तो हमारे ये बालक बड़े हो करके देश की अमानत बनेंगे। माताओं का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और इसलिए ये बहुत बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय है और इसके कारण फॉमर्ल सेक्टर में काम करने वाली करीब 18 लाख महिलाओं को इसका फायदा मिलेगा।
श्री मोदी ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वहां की जनता को बधाई देते हुए कहा कि भारत उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
मैं बांग्लादेश के नागरिक भाइयों-बहनों को स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और यह कामना करता हूं कि बांग्लादेश आगे बढ़े, विकास करे और बांग्लादेशवासियों से भी मैं विश्वास दिलाता हूं कि भारत बांग्लादेश का एक मजबूत साथी है, एक अच्छा मित्र है और हम कंधे से कंधा मिला करके इस पूरे क्षेत्र के अंदर शांति, सुरक्षा और विकास में अपना योगदान देते रहेंगे।
शहीदे आजम सरदार भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की शहादत का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये तीन वीर आज भी हम सब की प्रेरणा हैं।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को आगामी नव संवत्सर की बधाई दी।
