
नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग यानी एमएसएमई को भारी झटका लगा था. इन उद्योगों के बड़े पैमाने पर बंद से भारी संख्या में कामगारों के पास काम नहीं रह गया था. स्टार्ट-अप्स की स्थिति भी ऐसी ही थी. संक्रमण के पहले दौर में फंड की कमी की वजह से बड़ी तादाद में स्टार्ट-अप्स भी बंद हुए थे. सरकार ने उस दौरान एमएसएमई के लिए पैकेज की घोषणा की थी, जिसमें बैंक से सस्ते लोन का प्रावधान था. लेकिन संक्रमण के दूसरे दौर में भी ऐसे ही हालात हैं.
