
पंचक आरंभ होने जा रहा है. अगस्त माह में पंचांग के अनुसार 22 अगस्त 2021, रविवार से पंचक आरंभ हो रहा है. पंचक में शुुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इसलिए पंचक आरंभ होने से पहले शुभ और मांगलिक कार्यों को पूर्ण करे लें. इस बार पंचक रविवार के दिन से आरंभ हो रहा है. इसलिए इस अगस्त माह का पंचक कुछ मामलों में अति महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
पंचक का निर्माण तब होता है जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है. तो पंचक लग जाता है. 22 अगस्त 2021 को प्रात: 07 बजकर 57 मिनट पर चंद्रमा मकर राशि से निकल कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. चंद्रमा के कुंभ राशि में आते ही पंचक आरंभ हो जाएगा. इसके साथ ही पंचक के दौरान घनिष्ठा से रेवती तक जो पांच नक्षत्र होते हैं, उन्हे पंचक कहा जाता है. ये नक्षत्र घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र हैं. 22 अगस्त को धनिष्ठा नक्षत्र है.
पंचक कब से लग रहा है
पंचांग के अनुसार 22 अगस्त से 2021 से पंचक आरंभ होगा और 26 अगस्त 2021 को समाप्त होगा. गणना के अनुुसार 22 अगस्त 2021 रविवार को प्रात: 07 बजकर 57 मिनट से पंचक आरंभ होगा और 26 अगस्त 2021 गुरुवार के रात्रि: 10 बजकर 29 मिनट पर पंचक समाप्त होगा.
रक्षा बंधन का पर्व
22 अगस्त का दिन विशेष है. इस दिन रक्षा बंधन का पर्व भी है. इसके साथ ही श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि भी है. इस दिन सावन मास का समापन भी हो रहा है.
पंचक में इन कार्यों को वर्जित माना गया
मान्यता के अनुसार पंचक में 5 प्रकार के कार्यों को वर्जित माना गया है. पंचक में लकड़ी को एकत्र करना, पंलग खरीद कर घर पर लाना या उसका निर्माण कराना, घर की छत का निर्माण कराना और दक्षिण दिशा की यात्रा आदि करना अशुभ माना गया है.
रोग पंचक क्या है
पंचक जब रविवार के दिन से आरंभ होता है इसे रोग पंचक कहा जाता है. इस दौरान सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस पंचक में मानसिक तनाव की स्थिति महसूस होती है. इसलिए मन को शांत रखने का प्रयास करना चाहिए और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए.
