पशु रोगों के जांच के लिये जिले में पैथोलॉजी लैब की मिली सुविधा
जिला स्तरीय रोग अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना जिले के लिये बड़ी सौगात
गरियाबंद 18 जुलाई 2025/ पशु चिकित्सा सेवाये विभाग द्वारा हाल ही में जिला पशु चिकित्सालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया गया। इसी कड़ी में जिले की पशु चिकित्सा सेवाओं में बढ़ोतरी के तहत जिला गरियाबंद के स्थापना के लगभग 12 वर्ष उपरांत जिला रोग अनुसंधान प्रयोगशाला (पैथोलाजी लैब) की स्थापना की स्वीकृति छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदान की गई है। जो कि पशु रोगों की जांच के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। अभी तक पशु रोगों के जांच के लिये रक्त, सीरम, मिल्क, यूरिन आदि के सेम्पल रायपुर स्थित पैथोलॉजी लैब में भेजे जाते थे, जिनकी रिपोर्ट आने में विलम्ब होता था। इससे पशु रोग उपचार एवं उनके निदान में भी कठिनाई होती थी। अब जिले में पैथोलॉजी लैब की स्थापना हो जाने से अब सेम्पल जांच से संबंधित सभी कार्य गरियाबंद में ही होंगे, जिससे पशु चिकित्सकों को उपचार करने में सुगमता होगी तथा अचंल के पशुपालकों को इसका सीधा लाभ पहुंचेगा। पशु चिकित्सा सेवायें के उप संचालक डॉ. ओंकार प्रसाद तिवारी द्वारा अवगत कराया गया कि जिला स्तरीय पैथोलॉजी लैब संचालन के लिये शासन द्वारा डॉ. रागिनी हजारी की प्रथम नियुक्ति हुई है। जो कि एक माईकोबाईलोजिस्ट है, तथा उन्होने इस विषय पर पी. एच. डी. की हुई है एवं रोग अनुसंधान के क्षेत्र में उन्हें महारत हासिल है। डॉ. रागिनी हजारी ने 14 जुलाई 2025 को पैथोलॉजी लैब गरियाबंद में कार्यभार ग्रहण कर सेवाएं प्रारंभ कर दी है।