युक्तियुक्तकरण को लेकर सरकार के सभी दावे खोखले: विनोद

शिक्षा में सुधार के बजाए और बिगड़ गई व्यवस्था
महासमुंद। पूर्व संसदीय सचिव विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने सरकार द्वारा की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को पूरी तरह विफल तथा शिक्षा के व्यवसायीकरण करने की दिशा में एक सोची-समझी भाजपाई नीति का हिस्सा बताया है। चंद्राकर ने कहा कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के बाद पूरे प्रदेश के जिला स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों ने शासन के आदेश पर यह दावा किया था कि अब किसी भी स्कूल में शिक्षकों की कमी तथा शिक्षा व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी। यदि, ऐसा है तो महासमुंद जिले सहित प्रदेशभर के विभिन्न जिलों से शिक्षकों की कमी, शिक्षकों द्वारा पदभार ग्रहण नहीं करना तथा कहीं-कहीं विषय विशेष शिक्षकों की कमी संबंधी जो खबरें आ रही है, उससे सरकार के सभी दावे खोखले साबित होते दिख रहा है। चंद्राकर ने कहा कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर शिक्षकों की संख्या कम कर भाजपा की साय सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। सरकार के मंत्री द्वारा 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा पहले ही ठंडे बस्ते में जा चुकी है। अब यह सरकार जमी-जमाई शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर शिक्षा के निजीकरण की ओर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि युक्तियुक्तकरण की जगह सरकार को नई भर्ती पर फोकस करना था। शिक्षा विभाग में अब भी बड़े पैमाने पर शिक्षकों के पद खाली हैं। शिक्षकों की भर्ती कर रिक्त पदों को तत्काल भरा जाना चाहिए।