शिक्षा की गुणवत्ता और ड्रॉपआउट मुक्त पंचायतों पर विशेष जोर
शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक
दंतेवाड़ा, 16 मई 2025। कलेक्टर कुणाल दुदावत की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समग्र समीक्षा बैठक का आयोजन आज संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में किया गया। बैठक की शुरुआत में कलेक्टर ने हाल ही में संपन्न बोर्ड परीक्षाओं में जिले द्वारा प्राप्त ऐतिहासिक उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने जिले द्वारा कक्षा 10वीं में छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम स्थान तथा कक्षा 12वीं में छठवां स्थान प्राप्त करने को टीम वर्क और विभागीय प्रतिबद्धता का परिणाम बताया। इस संबंध में उन्होंने शिक्षा विभाग की पूरी टीम को बधाई देते हुए भविष्य में भी इस प्रकार उत्कृष्ट कार्य जारी रखने की प्रेरणा दी। कलेक्टर ने आगामी सत्र के लिए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि पाठ्य पुस्तकों का वितरण, गणवेश वितरण, तथा पात्र विद्यार्थियों को साइकिल वितरण शैक्षणिक सत्र की शुरुआती दो महीनों के भीतर पूर्ण हो जाए।
कलेक्टर ने समीक्षा में आगे कहा कि आने वाले शैक्षणिक वर्ष में गुणवत्तापूर्ण उत्तीर्णता प्रतिशत को बढ़ाना एक प्राथमिक लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने ड्रॉपआउट मुक्त पंचायत अभियान को मजबूत बनाने के लिए हर घर का सर्वे कर, हर बच्चे तक पहुँचना, बच्चों का चिन्हांकन करना, तथा जनप्रतिनिधियों और समुदाय की मदद से उन्हें स्कूल से जोड़ने की कार्ययोजना पर बल दिया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जो पंचायतें उत्कृष्ट कार्य करेंगी, उन्हें ड्रॉपआउट मुक्त पंचायत घोषित कर उनके समग्र विकास के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष सहयोग प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कक्षा 5 से 6वीं, 8वीं से 9वीं और 10वीं से 11वीं के बीच के ट्रांजिशन को गंभीरता से लेते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे। प्राथमिक स्तर पर भाषाई कौशल और गणितीय दक्षता को सुदृढ़ करने के संबंध में कलेक्टर ने ‘‘पढ़े दंतेवाड़ा, लिखे दंतेवाड़ा‘‘ कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि पुस्तकालयों और बालमित्र कार्यकर्ताओं की भूमिका इन दोनों क्षेत्रों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। और प्रशासन द्वारा बालमित्र कार्यक्रम को जिले की सभी पंचायतों तक पहुँचाने की योजना बनाई गई है।
बैठक में मध्यान्ह भोजन योजना और ‘‘न्योता भोज‘‘ कार्यक्रम की भी समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि ये योजनाएं बच्चों के पोषण और स्कूल से जुड़ाव के लिए अत्यंत आवश्यक हैं और इनके प्रभावी क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं बच्चों को कुपोषण और शारीरिक दुर्बलता से भी बचाने में सहायक होंगी। इसके साथ ही कलेक्टर ने विशेष रूप से ‘‘नियद-नेल्लानार‘‘ पंचायत ग्रामों में शैक्षणिक स्तर की सुदृढता पर जोर देते हुए कहा कि जिले की सर्वोच्च प्राथमिकता के पंचायत के रूप में चिन्हित ग्रामों में शिक्षा विभाग की सभी योजनाओं का प्राथमिकता में क्रियान्वयन कर प्रत्येक माह में उसकी समीक्षा बैठक आयोजित करें। बच्चों के शैक्षिक एक्सपोजर को बढ़ाने के लिए कलेक्टर ने आगामी सत्र में बच्चों को विज्ञान केंद्र, बनमंदिर तथा अन्य शैक्षिक स्थलों का भ्रमण कराने की भी योजना की घोषणा की, ताकि विद्यार्थियों को वास्तविक जीवन से जुड़ा अनुभव प्राप्त हो सके।
बैठक के समापन पर कक्षा 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणामों की पुनः गहन समीक्षा करते हुए अगले शैक्षणिक सत्र के लिए रणनीति तैयार की गई। इस बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी सोहन कुमार अम्बष्ट, डीएमसी हरीश गौतम, एपीसी राजेंद्र पांडे, बुधराम कवासी, एवं सहयोगी संस्था बचपन बनाओ से प्रणीत सिंह के अलावा दंतेवाड़ा और कुआकोंडा विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारी, सहायक खंड शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक संसाधन समन्वयक, संकुल समन्वयक, और प्राचार्य गण उपस्थित रहे।