भारत अब ‘मेड फॉर इंडिया’ से `मेड बाय इंडिया’ है” की ओर बढ़ चुका है: डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024। संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने नई दिल्ली में आयोजित आईटीयू-डब्लूटीएसए24 और आईएमसी 24 की प्रष्ठभूमि में पर टेक लीडर्स के साथ सुबह के नाशते पर एक बैठक की मेजबानी की। इस बैठक ने सीटीओ के लिए सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने और संभावित समाधान तलाशने के लिए एक खुला मंच प्रदान किया। डॉ. पेम्मासानी ने विभिन्न सरकारी पहलों पर भी अंतर्दृष्टि साझा की और उपस्थित लोगों को दूरसंचार के भविष्य को आकार देने के लिए सहयोगात्मक रूप से अपने सुझाव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस बैठक में सी-डॉट, भाटी एयरटेल, रिलायंस जियो, VI, एरिक्सन, क्वालकॉम, एसटीएल, अल्टेरा, एज-कोर, एस्ट्रोम और ईसियोफी सहित प्रमुख दूरसंचार कंपनियों और स्टार्टअप्स के सीटीओ और उद्योग के नेता शामिल हुए। दूरसंचार के क्षेत्र में भारत की यात्रा के अगले चरण के लिए अपने विजन को साझा करते हुए, डॉ. पेम्मासानी ने कहा, “भारत की दूरसंचार कहानी परिवर्तन की है। एक दशक पहले, हम केवल एक सेवा वितरण बाजार थे; आज, हम 5जी,आईओटी ईकोस्स्टम और स्वदेशी तकनीकी निर्माण में अग्रणी हैं।” “नया भारत ‘मेड फॉर इंडिया’ से ‘मेड बाय इंडिया’ में चला गया है।”
उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के माध्यम से आत्मनिर्भरता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता वाले उनके दूरदर्शी नेतृत्व को इस परिवर्तन का श्रेय दिया। उन्होंने कहा, “उत्कृष्टता की उनकी अटूट ललक, नवाचार, उद्यमिता ने स्वदेशी क्षमताओं को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों के साथ मिलकर, भारत को वैश्विक नेता के रूप में उभरने में सक्षम बनाया है।”
डॉ. पेम्मासानी ने भारतीय दूरसंचार ईकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला और स्वदेशी डिजाइन, विकास, प्रोटोटाइपिंग और उन्नत दूरसंचार प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि के बारे में बताया। वार्षिक बजट 60 मिलियन डॉलर के साथ, यह फंड 5जी, 6जी, आईओटी और एक एम टू एम में परियोजनाओं का समर्थन करता है। इसने देश भर में 100 5जी लैब सहित कई पहलों को धनराशि प्रदान किया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों में घरेलू विनिर्माण, निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों विशेष रूप से 2021 में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर चर्चा की। पांच वर्षों में $1.4 बिलियन के कुल व्यय के साथ, यह योजना स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान करती है। इसने पहले ही $450 मिलियन से अधिक निवेश आकर्षित किया है और लगभग $6 बिलियन की बिक्री की है।
