रोजगार सहायकों ने अनुभव अंकों में कटौती के विरोध में कलेक्टर को ज्ञापन

महासमुंद। ग्राम पंचायत सचिवों की भर्ती में रोजगार सहायकों को अनुभव के आधार पर मिलने वाले अंकों में भारी कटौती किए जाने के विरोध में जिले के ग्राम रोजगार सहायक संघ ने कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपा। संघ की ओर से जिलाध्यक्ष राजू तांडी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि पूर्व की भांति अधिकतम 30 अनुभव अंक दिए जाएं, जिससे वर्षों से सेवा दे रहे सहायकों के साथ अन्याय न हो। गौरतलब है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा हाल ही में जारी भर्ती मार्गदर्शिका में ग्राम रोजगार सहायक के अनुभव के लिए केवल 5 अंक निर्धारित किए गए हैं, जबकि पूर्व में यह 30 अंक (प्रत्येक वर्ष के लिए 3 अंक) हुआ करते थे। प्रतिनिधिमंडल ने 16 अप्रैल 2015 को जारी पुराने निर्देश का हवाला देते हुए मांग की कि उसी आधार पर पुन: 30 अनुभव अंक प्रदान किए जाएं।
‘वर्षों की सेवा का यह मूल्यांकन अनुचित’
संघ पदाधिकारियों ने कहा कि ग्राम रोजगार सहायक वर्ष 2006 से निरंतर पंचायतों में विकास कार्यों को धरातल पर उतारने का कार्य कर रहे हैं। कई सहायक 10 से 15 वर्षों से अधिक समय से सेवाएं दे रहे हैं। वर्तमान में जारी मार्गदर्शिका में अनुभव अंकों को घटाकर केवल 5 करना न केवल उनके साथ अन्याय है, बल्कि यह उनके मनोबल को भी आहत करने वाला निर्णय है। बसना ब्लॉक अध्यक्ष पवन कुमार सिदार ने बताया कि हमारे ग्राम रोजगार सहायकों ने सीमित संसाधनों में भी ईमानदारी से कार्य किया है। अब जब उन्हें सचिव बनने का अवसर मिल रहा है, तब अनुभव का महत्व कम करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। बागबाहरा ब्लॉक अध्यक्ष छन्नूलाल डहरिया ने भी चिंता जताते हुए कहा कि यह कटौती वरिष्ठ सहायकों के अवसरों को छीनने जैसा है। सरायपाली ब्लॉक अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार साहू ने कहा, वर्तमान प्रक्रिया में अनुभव को तवज्जो न देना उन सभी लोगों की मेहनत को अनदेखा करना है, जिन्होंने पंचायत व्यवस्था को मजबूत बनाने में अपना योगदान दिया है। पिथौरा ब्लॉक अध्यक्ष डागेश्वर यादव ने बताया कि पहले से ही रोजगार सहायकों को नियमित करने की दिशा में सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और अब जब भर्ती का मौका आया तो अनुभव के आधार पर वरीयता का लाभ भी छीना जा रहा है।
आंदोलन की चेतावनी
ज्ञापन में मांग की गई है कि ग्राम सचिव भर्ती प्रक्रिया में अनुभव अंकों को पूर्ववत अधिकतम 30 अंक रखा जाए, ताकि वरिष्ठ ग्राम रोजगार सहायकों को वास्तविक योग्यता के आधार पर प्राथमिकता मिल सके। प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से आग्रह किया कि वे इस संबंध में शासन स्तर पर संज्ञान लें और आवश्यक अनुशंसा करें। यदि मांग पर विचार नहीं किया गया, तो जिले भर के ग्राम रोजगार सहायक आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं।