ऑयल पॉम की खेती को प्रोत्साहन देने जिले में किसानों को मिलेगा अनुदान का लाभ

नेशनल मिशन ऑन एडीबल ऑयल-ऑयल पॉम योजना के तहत विविध सहायता प्रावधान
महासमुंद, 25 जुलाई 2025/ केन्द्र सरकार द्वारा तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेशनल मिशन ऑन एडीबल ऑयल-ऑयल पॉम योजना संचालित की जा रही है। राज्य में ऑयल पॉम की व्यावसायिक खेती की संभावनाओं को देखते हुए इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस दिशा में महासमुंद जिले में विशेष पहल की गई है, जिससे कृषकों को आर्थिक सहायता के साथ तकनीकी मार्गदर्शन भी प्राप्त हो रहा है।
सहायक संचालक उद्यान श्रीमती पायल साव ने बताया कि ऑयल पॉम पौध रोपण के चतुर्थ वर्ष में फलन प्रारंभ हो जाता है तथा इसके फलों की खरीदी संबंधित कंपनी द्वारा की जाती है। जिले में वर्ष 2025-26 हेतु योजना अंतर्गत किसानों को विविध लाभ प्रदान किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें 143 पौध प्रति हेक्टेयर पर 100 प्रतिशत विभागीय अनुदान पर प्रदाय किए जाने का प्रावधान है, इस सत्र में कुल 600 हेक्टेयर लक्ष्य है। बाग का रखरखाव के लिए प्रथम से चतुर्थ वर्ष तक प्रति हेक्टेयर 5250 रुपए का अनुदान खाद, दवा एवं उर्वरक, गैप फिलिंग, सिंचाई कार्य हेतु दिए जाएंगे। अंतरवर्ती फसल जैसे तिल/अन्य तिलहन हेतु अनुदान 5250/हेक्टेयर प्रत्येक वर्ष, ड्रिप इरिगेशन हेतु 31,399 रुपए/हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा।
इसी तरह 2 हेक्टेयर या उससे अधिक ऑयल पॉम रोपित करने वाले कृषकों को प्रति बोरवेल 50 हजार या 50 प्रतिशत (जो कम हो) अनुदान दिया जाएगा, कुल 124 बोरवेल का लक्ष्य है। पम्पसेट हेतु सामान्य कृषकों को 22,500 प्रति पम्प व अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सीमांत, महिला कृषकों को 27 हजार रुपए तक अनुदान अधिकतम 15 एचपी तक का डीजल, इलेक्ट्रिक पम्प पर दिया जाएगा। कुल 124 पम्प सेट का लक्ष्य है। वॉटर हार्वेस्टिंग यूनिट पर 1 लाख 50 हजार/यूनिट अनुदान का प्रावधान, 1 यूनिट लक्ष्य है। वर्मी कम्पोस्ट के लिए निर्माण लागत का 50 प्रतिशत अथवा 15 हजार रुपए प्रति यूनिट अनुदान का प्रावधान व कुल 3 यूनिट लक्ष्य रखा गया है।
इसके अलावा हाई रीच ऑयल पॉम कटर पर 2500 रुपए प्रति यूनिट अनुदान, लक्ष्य 2 पॉम कटर का है, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सीमांत, महिला कृषकों को चाप कटर पर 5000 रुपए प्रति यूनिट अनुदान, 2 यूनिट का लक्ष्य है। मोटराइज्ड चिस्ल के लिए किसानों को प्रति यूनिट 15 हजार रुपए अनुदान, एक यूनिट का लक्ष्य है, वायर मेश के लिए प्रति यूनिट 20 हजार रुपए अनुदान, 85 वायर मेश का लक्ष्य है। 3 हेक्टेयर अथवा उससे अधिक ऑयल पॉम उत्पादक कृषकों को प्रति ट्रैक्टर 20 एचपी तक ट्रॉली सहित 2 लाख अनुदान देय है, लक्ष्य एक है। कृषकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 30 कृषकों के दो दिवसीय प्रशिक्षण हेतु 30 हजार रुपए प्रति प्रशिक्षण व्यय का प्रावधान है। उपरोक्त अनुदानों के अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा रखरखाव, अंतरवर्तीय फसल, बोरवेल, पम्प सेट, फेंसिंग एवं ड्रिप स्थापना पर टॉप अप अनुदान भी दिया जाएगा।
सहायक संचालक उद्यान ने कृषकों से अपील की है कि वे इस योजना का अधिकतम लाभ लेने हेतु अपने विकासखंड के ग्रामीण उद्यान/उद्यान विकास अधिकारियों से संपर्क कर सकते है। महासमुंद विकासखण्ड अंतर्गत नोहर सिंह निषाद (7067155003) एवं रेवतीरमन पटेल (8815880337), बागबाहरा अंतर्गत साखुराम प्रियपाल (9617232320) एवं सुश्री धनिता पटेल (6265427233), पिथौरा अंतर्गत कैलाश नायक (8839031173), बसना अंतर्गत दिलीप कुमार राठिया (7694095884) एवं उपेन्द्र कुमार नाग (9131833408) तथा विकासखण्ड सरायपाली अंतर्गत गुरुदत्त यदु (9131833408) एवं लाभेन्द्र सिंह (7999800645) के मोबाईल नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त ऑयल पॉम कंपनी प्रतिनिधि आशीष (मो. 7489096992) से भी संपर्क किया जा सकता है।