आदिवासियों का पुनर्वास क्यों नहीं करना चाहती सरकार: राकेश

महासमुंद। आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष राकेश झाबक ने कहा कि आदिवासियों के हितों की रक्षा करने में सरकार विफल साबित हुई है। सरकार कह रही है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त कर देंगें पर सरकार जवाब दें कि जो लोग सलवा जुडूम विस्थापित हुए थे वे लोग आज कहां हैं? पुनर्वास के तहत जो कैंप में गए थे उनकी वस्तु स्थिति क्या है? सरकार स्पष्ट करें। जो गांव वीरान पड़े हैं वो लोग कहां गए और अगर उनका पुनर्वास नहीं हो पाया है तो सरकार ने क्या कदम उठाए? निश्चित ही सरकार की मंशा जंगल को किसी और के हाथ में देने की है, क्योंकि अगर पुनर्वास नहीं होते हैं तो इसका सीधा मतलब है कि किसी भी प्रकार के ग्राम सभा का आयोजन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर
आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष राकेश झाबक ने कहा है कि भाजपा राज में छत्तीसगढ़ के हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने बताया कि किस तरह क्रेडा से मंजूरी लिए बगैर ही दो साल में 30 करोड़ की स्ट्रीट लाइट की खरीदी की गई, इसमें गंभीर बात ये है कि मंजूरी सोलर स्ट्रीट लाइट की ली गई जबकि खरीदी स्ट्रीट लाइट की गई। फर्जीवाड़ा इतना बड़ा कि जिलों की ग्राम पंचायतों ने अपनी मर्जी से जिस कंपनी से जो चाहा खरीद लिया। बिना जांच कंपनी को भुगतान भी हो गया। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में 30 करोड़ से ज्यादा की खरीदी बिना किसी दस्तावेजों और परीक्षण कर ली गई। जांच करने वाली समिति का दावा है कि अधिकतर खरीदी कागजों में की गई।