आगामी चार माह मांगलिक कार्य पर लगी रोक

महासमुंद। रविवार को देवशयनी एकादशी के बाद से भगवान श्री विष्णु अब चार माह के लिए शयन के लिए चले गए हैं। जिससे अब आगामी चार माह तक कोई मांगलिक कार्य व शादी-विवाह नहीं होंगे। चार माह बाद तुलसी विवाह (देव उठनी एकादशी) से सभी मांगलिक कार्य शुरू होंगे।
मालूम हो कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी की तिथि 5 जुलाई को 6.58 बजे से शुरू हुई जो रविवार रात 9.14 बजे तक रही। उदया तिथि के आधार पर देवशयनी एकादशी का व्रत रविवार को रखा गया और व्रत का पारण आज हुआ। इस बार 6 जुलाई से देवशयन काल शुरू हो रहा है, जो 118 दिन चलेगा। हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन से भगवान हरि नारायण विष्णु शयन करते हैं। भगवान श्री विष्णु के शयन के चलते सभी मांगलिक कार्य 4 माह के लिए थम जाएंगे पश्चात 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी पश्चात देव जागृत होंगे। नवंबर में 2, 3, 8, 12, 15, 16, 22, 23 व 25 व दिसंबर में 4, 5, 6 को शुभ मुहूर्त है। इस तरह वर्ष 2025 में अब कुल 12 दिन ही विवाह के शुभ मुहूर्त होंगे।
11 जुलाई से सावन, इस बार 4 सोमवार
आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन से पालनहार भगवान श्री विष्णु चार माह के लिए शयन में चले गए। चातुर्मास में सभी देवों के शयन में जाने पर सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों आ जाता है। इस दौरान शिव पूजन का बड़ा महत्व माना जाता है। इस बार 11 जुलाई से सावन शुरू हो रहा है। पहला सोमवार 14 जुलाई तथा शेष 21,28 और अंतिम 4 अगस्त को सावन सोमवार है। 9 अगस्त को पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन के साथ ही सावन माह समाप्त होगा। इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ रहा है। सावन के पहले शनिवार से ही बम्हनी के बम्हणेश्वर महादेव कुंड से सिरपुर के गंधेश्वर महादेव का जलाभिषेक का सिलसिला शुरू होगा।