वैदिक अनुष्ठान के साथ मंदिर में कलश स्थापना, नेत्र परीक्षण शिविर लगाया गया

महासमुंद 1 फरवरी 2025। बम्हनेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण बम्हनी में नवनिर्मित मां सावित्री देवी मंदिर में प्राण -प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन विधि -विधान से किया जा रहा है। आयोजन के दूसरे दिन यज्ञ मंडप में यज्ञाचार्य पं. पंकज तिवारी पुरोहितों के साथ विधि विधान से वेदी पूजन, यज्ञ अनुष्ठान संपन्न कराया। दोपहर पूर्व वास्तु शांति में मुख्य जजमान, उपजजमान और सहजजमान समेत अन्य लोगों ने हवन आहुति में भाग लिया। इस दौरान यज्ञ स्थल में स्वाहा स्वाहा का मंत्र गूंजायमान होता रहा। आयोजन स्थल में ही नेत्र प्रशिक्षण शिविर का आयोजन भी किया गया था। जिसमें छत्तीसगढ़ नेत्र चिकित्सालय के चिकित्सक व स्टाफ ने आंखों से संबंधित बीमारियों का परीक्षण कर उचित मार्गदर्शन दिया। इसमें करीब 60 से अधिक ने नेत्र,चश्मा का परीक्षण कराया। यज्ञाचार्य पं. पंकज तिवारी ने प्राण प्रतिष्ठा के दौरान किए जाने वाले विभिन्न संस्कार अन्नाधिवास, जलाधिवास, फलाधिवास, मेवाधिवास आदि की जानकारी देते हुए बताया कि एक तरह से यह विधान मूर्ति का परीक्षण है। अन्न में रखने से गर्मी, जल में रखने से शीतल, मेवा, फल इत्यादि में निर्मित वातावरण की स्थिति को मूर्ति आसानी से सहनकर कर सुरक्षित रहने उपरांत प्राण -प्रतिष्ठा समारोह किया जाता है। क्योंकि किसी भी मंदिर में किसी मूर्ति की स्थापना के बाद वह वर्षों तक उस मंदिर में विराजमान रहकर भक्तों को आशीष प्रदान करते हैं। इसलिए परीक्षण विधि जरूरी है। वास्तु पूजन, अनुष्ठान के दौरान ही नवनिर्मित मंदिर में शिखर कलश व ध्वज स्थापना किया गया। देर शाम तक प्राण -प्रतिष्ठा समारोह में ग्रामीणजन व पंचवटी परिवार के सदस्य शामिल होते रहे।