नपा-पंचायत चुनाव, मास्टर ट्रेनर्स को निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों से कराया गया अवगत
दंतेवाड़ा, 25 जनवरी 2025। नगर पालिका एवं त्रिस्तरीय आम निर्वाचन के सफल क्रियान्वयन हेतु संयुक्त जिला कार्यालय के भू-तल सभा कक्ष में मास्टर ट्रेनर्स (नगरीय पंचायत स्तर) को उप जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में नगरीय, पंचायत स्तर के मास्टर ट्रेनर्स को इस निर्वाचन संबंधी सम्पूर्ण प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य मास्टर ट्रेनर्स माधव राव रेड्डी एवं आलोक सोनवाने ने अन्य मास्टर ट्रेनर्स को बताया कि सभी निर्वाचनों में स्थानीय निकायों के निर्वाचन बेहद संवेदनशील होते है, पंचायत निर्वाचन एक अलग ही स्तर पर होते है। यहां एक साथ चार पदों के लिए निर्वाचन होता है और मतदान का प्रतिशत भी बहुत अधिक होता है, जबकि मतदान का समय बहुत कम होता है। पंचायत निर्वाचन में न केवल मतदान होता है, बल्कि मतदान केन्द्र पर ही मतगणना होती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आपको न केवल अपने कार्य को गंभीरता से लेना चाहिए बल्कि मतदान और मतगणना के भी सभी तकनीकी पहलुओं और बारीकियों को आत्मसात कर लेना चाहिए। ग्रामीण निकाय निर्वाचनों में प्रत्येक मतदानों पर चार पदों के लिए मतदान होता है जिसमें अलग- अलग रंगों के समपत्रों से मतदान होता है यथा-सदस्य जिला पंचायत के लिए (गुलाबी), सदस्य जनपद पंचायत के लिए (पीला), सरपंच, ग्राम पंचायत के लिए (नीला), पंच ग्राम पंचायत के लिए (सफेद)। एक मतदान दल में पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त चार मतदान अधिकारी होते है। ग्रामीण निकायों के लिए निर्वाचन मतपत्र और मतपेटी से होगा। एक मतदान दल में पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त चार मतदान अधिकारी रहेगें। मतदान अधिकारी क्रं.-01 मतदाता सूची की चिन्हित प्रति का प्रभारी होगा। साथ ही केंद्र पर आने वाले मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा। यह ध्यान रखना होगा कि चाहे मतदान चार-चार पदों के लिए हो रहे हों, मतदाता सूची की चिन्हित प्रति प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए एक ही होगी। मतदान अधिकारी क्रं. 2 व 3 क्रमशः सरपंच एवं पंच पदों के अभ्यर्थियों के मतपत्रों और जनपद व जिला पंचायत सदस्य पद के अभ्यर्थियों के मतपत्रों के प्रभारी रहेगें। मतदान अधिकारी क्र. 4 मतपेटी का प्रभारी होगा। पीठासीन अधिकारी पूरे दल का मुखिया होगा, पूरी मतदान व्यवस्था उसी के देख रेख में और नियंत्रण में होगी। मतदान दल एक टीम की तरह कार्य करेगी।
मतदान दल अधिकारी क्रं. 01 चिन्हित प्रति और अमिट स्याही का प्रभारी होगा। मतदाता मतदान केन्द्र पर सबसे पहले उसी के पास आयेगा। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 18 पहचान पत्रों में से किसी के माध्यम से मतदाता की पहचान कर लेने के बाद उसे मतदान के लिए आगे भेजेगा। मतदाता की पहचान स्थापित हो जाने के पहले उसका नाम इस प्रकार पुकारेगा की केन्द्र पर मौजूद अभिकर्ता मतदाता का नाम सुन सकें और आवश्यक हो तो आपत्ति कर सके। मतदान दल अधिकारी क्रं. 01 को मतदाता के वार्ड का क्रमांक भी जोर से घोषित करना चाहिए ताकि मतदान दल अधिकारी क्रं. 02 सुन सकें और उसी के अनुरूप पंच पद के लिए सही वार्ड का का मतपत्र उस मतदाता को जारी कर सकें। मतदाता की पहचान स्थापित हो जाने पर उसके बायें हाथ की तर्जनी पर अमिट स्याही लगायेगा। मतदान दल अधिकारी क्रं. 01. मतदाता सूची में मतदाता के नाम नीचे बाएं कोने से शुरू करते हुए ऊपर दाहिने कोने तक एक सीधी रेखा से क्रॉस करेगा। मतदाता के महिला होने की स्थिति में उसके क्रमांक पर सही का निशान भी लगायेगें साथ ही सेक्टर अधिकारी को देने के लिए हर दो घंटे में मतदान का आंकड़ा भी तैयार करेगा।
मतदान दल अधिकारी क्रं. 02 सरपंच पद (नीला), पंच पद (सफेद) के अभ्यर्थियों के मतपत्रों का प्रभारी होगा। इनके पास मतपत्रों के अनेक प्रकार होगें। पंच पद के लिए मतपत्र जारी करते समय मतदान दल अधिकारी क्रं. 02 को विशेष सतर्क रहना चाहिए कि मतदाता को सही वार्ड का मतपत्र दिया जाए। इसके लिए अपने पास उपलब्ध मतदाता सूची की मदद लेनी होगी। सभी मतपत्र का सरल क्रमांक लिख कर उसके हस्ताक्षर या बायें हाथ के अंगूठे का निशान लिया जाएगा। सरपंच और पंच पद मतांकन कर लेने और मतपेटी में अपने अंकित मतपत्र डाल देने बाद मतदाता मतदान दल अधिकारी क्रं. 03 के टेबल पर आएगा। मतदान दल अधिकारी क्रं. 03 द्वारा मतदाता को दोनों पदों पर उसी रीति से मतपत्र देगा जैसे मतदान दल अधिकारी क्रं. 02 ने दिया था प्रतिपणों पर बायें हाथ का अंगूठा या हस्ताक्षर लेने और मतदाता का सरल क्रमांक लिखने के बाद, मतपत्रों को मोड कर, वह मतदाता को मतांकन के लिए कक्ष क्रमांक 02 में भेजेगा।
मतदान दल अधिकारी क्रं. 04 मतदान दल अधिकारी क्रं. 04 मतपेटी का प्रभारी होगा। वह यह देखेगा कि मतदाता दोनों बार (मतदान कक्ष क्रं. 01 व 2) दोनों मतपत्र पेटी में डाल रहा है। वह मतपत्रों के रंगों और उस पर दिख रहे सुभेदक सील या पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर पर ध्यान देगा, जिससे कि यह स्थापित हो कि वह सही मतपत्र ही मतपेटी में डाल रहा है। पुशर की मदद से समय-समय पर मतपेटी को भीतर से हिलाता रहेगा ताकि सभी मतपत्र नीचे बैठ जायें। पर यह अवश्य ध्यान रखे कि पुशर के उपयोग से कोई, या कुछ मतपत्र क्षतिग्रस्त न हो जायें। इस तरह सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न की जाएगी। इस प्रशिक्षण के दौरान उप निर्वाचन अधिकारी मूलचंद चोपड़ा सहित चुनाव शाखा के अधिकारी उपस्थित थे।