
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी ने उन अठावन अधिकारियों की सेवाओं को तत्काल रूप से समाप्त कर दिया है, जिन्हें पूर्व समाजवादी पार्टी सरकार ने सेवानिवृत्त के बाद सेवा-विस्तार का लाभ दिया था।
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से हमारे संवाददाता ने खबर दी है इनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा और राज्य लोक सेवा आयोग के अधिकारी भी शामिल हैं।
पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार ने नियमों की अवहेलना करते हुए कई अवकाश प्राप्त भारतीय प्रशासनिक सेवा, प्रांतीय लोक सेवा और सचिवालय में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा विस्तार दिया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी समय समय पर इस तरह के सेवा विस्तार पर नकारात्मक टिप्पणियां भी की थीं। मुख्यमंत्री सचिवालय में कार्यरत पांच अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा विस्तार मिला था। अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारी रमेश चंद यादव मुख्यमंत्री सचिवालय में विशेष कार्यअधिकारी बनाए गए थे। इलाहाबाद उच्चन्यायालय के आदेश के बावजूद एस पी सिंह- नगर विकास और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में सचिव पद पर कार्य करते रहे। योगी सरकार ने 18 अधिकारियों के सेवा विस्तार को अभी समाप्त नहीं किया है जो विभिन्न विभागों में विशेषज्ञ के रूप में तैनात हैं।
