
पटना (एजेंसी)। कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामलों में कमी ने भले बिहार को राहत दी हो, लेकिन अब ब्लैक फंगस के मामलों में उसकी चिंता बढ़ा दी है. स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि म्यूकर माइकोसिस के तौर पर जाना जानेवाला ब्लैक फंगस एक नई चुनौती बनकर उभरा है. आपको बता दें कि नीतीश सरकार ने पिछले महीने महामारी के तौर पर ब्लैक फंगस को घोषित किया था. स्वास्थ्य विभाग ने आंकड़े जारी कर बताया कि राज्य भर में कल तक 562 ब्लैक फंगस के मामले दर्ज किए गए. आम तौर पर कोविड-19 से उबर चुके मरीजों में पाई जानेवाली बीमारी के कारण 76 लोगों की जान चली गई जबकि मात्र 153 का अब तक पूरी तरह इलाज हुआ है. राज्य में ब्लैक फंगस के अधिकतर मरीजों का इलाज दो अस्पतालों में किया जा रहा है. इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइेंस, पटना और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंस, पटना में इलाज की सुविधा है. एम्स पटना में वर्तमान में ब्लैक फंगस के 102 मरीजों का इलाज किया जा रहा है जबकि आईजीआईएमस में 114 मरीज इलाज पा रहे हैं.
