
ऑनलाइन सत्र में ज़िले के 18 शिक्षकों ने किया अपने नवाचार साझा
महासमुंद। श्री अरविंद सोसाइटी और एच.डी.एफ.सी. बैंक के देशव्यापी कार्यक्रम ‘शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार’ के अंतर्गत चयनित शिक्षकों के नवाचारों को व्यापक रूप से विकसित करने और देश के अन्य विद्यालयों तक पहुंचाने के उद्देश्य से ई-प्रदर्शनी की श्रृंखला की शुरुआत की गई। श्री अरविंद सोसाइटी और समग्र शिक्षा महासमुंद, छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित ई-प्रदर्शनी में ज़िला महासमुंद के 18 शिक्षकों ने शून्य निवेश पर आधारित अपने नवाचारों को देश भर के शिक्षकों के साथ साझा किया। ऑनलाइन सम्मेलन में जिला शिक्षा अधिकारी श्री हिमांशु भारतीय, जिला मिशन समन्वयक सुश्री नेहा भेड़िया उपस्थित थे।
इस दौरान शिक्षकों को संबोधित करते हुए अधिकारियों ने कहा कि शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार चयनित शिक्षकों को यह अवसर प्राप्त हुआ है कि वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन बेहतर तरीके से कर रहे है। शिक्षकगण अपनी कक्षाओं में निरंतर प्रयासरत रहते हैं कि कैसे विद्यार्थियों का शिक्षण अधिगम बेहतर किया जा सके और इसलिए वे नित नए नवाचारों को करते हैं। शिक्षा का ज्ञान बांटने से बढ़ता है और इसलिए शिक्षकों को अपना ज्ञान अन्य शिक्षकों और विद्यालयों तक पहुँचाना चाहिए। टी.एल.एम. या नवाचार कठिन विषयों को सरल और रोचक बना देते हैं। इन नवाचारों का कक्षाओं में उपयोग लाभदायक और उपयोगी है। नवाचारों का प्रभाव कभी भी एक विद्यालय तक सीमित नहीं रहता है बल्कि आस-पास के विभिन्न ज़िलों तक पहुँचता है। ज़िले के शिक्षकों का नवाचार पूरे देश तक पहुंचेगा।
शिक्षकों के योगदान और उनके द्वारा विद्यालय में किए जा रहे नवाचारों पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रमुख, श्री अरविंद सोसाइटी श्री अशोक शर्मा, ने कहा, “शिक्षकों के योगदान के बिना देश उन्नति नहीं कर सकता। शिक्षक जब परिवर्तन स्वीकार करते हैं तब वे विद्यार्थियों और समाज को परिवर्तन स्वीकार करने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। नवाचार वह परिवर्तन है जो पूर्व स्थित विधियों और पदार्थ आदि में नवीनता का संचार करता है भारत के शिक्षक शून्य निवेश नवाचारों द्वारा रचनात्मक और रोचक तरीकों से बच्चों को पढ़ा कर शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन ला रहे हैं। ई-प्रदर्शनी में ज़िले के 18 नवाचारी शिक्षकों ने अपने नवाचार ऑनलाइन माध्यम से प्रस्तुत किए।
