कस्टम मिलिंग में स्टांप ड्यूटी में छूट देने की मांग
महासमुंद। राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पारस चोपड़ा ने कस्टम मिलिंग के अनुबंध में लगने वाले स्टांप शुल्क में छूट देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि राइस मिल कस्टम मिलिंग के लिए मार्कफेड के साथ अनुबंध करते हैं। धान उठाव के लिए विभिन्न बैंकों से जारी गारंटी जमा की जाती है। कस्टम मिलिंग के माध्यम से किसानों द्वारा शासन से व्यापक पैमाने पर खरीदे गए धान का निराकरण होता है और मिलिंग उपरांत प्रत्तद चावल पूरे देश एवं प्रदेश में पीडीएफ के तहत वितरित किया जाता है। इस प्रकार राइस मिलर्स द्वारा शासन के लोकहित कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। अभी तक कस्टम मिलिंग कार्य के लिए जारी बैंक गारंटी में ढाई रुपए का स्टांप डूयटी लगती है लेकिन अब स्टांप शुल्क ढाई रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया गया है जो मिलिंग व्यवसाय के हित में कुठाराघात है जिससे कस्टम मिलिंग की गति में अवरोध होगा। श्री चोपड़ा ने छग प्रदेश राइस मिलर्स एसो. के अध्यक्ष क्रांतिलाल बोथरा को पत्र लिखकर कहा है कि एक राइस मिलर्स द्वारा कस्टम मिलिंग कार्य के लिए औसत 10 से 15 बैंक गारंटी बनाई जाती है अत: नवीन स्टांप शुल्क डूयटी राइस मिलर्स के लिए आर्थिक क्षति व अतिरिक्त आर्थिक भार होगा।