निरंतर बारिश से कई इलाका हुआ जलमग्न

जिले भर के छोटे नदी नाले उफान पर
महासमुंद। जिले में पिछले 24 घंटों से हो रही लगातार बारिश से कई इलाकों में जलमग्न हो गया। निरंतर बारिश के चलते छोटे नदी नाले उफान पर हैं। बारिश से जन जीवन पर भी खासा असर रहा। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार सुबह से लेकर शनिवार सुबह तक जिले में कुल 305.7 मिमी बारिश हुई जिसका औसत 50.9 मिमी रहा। एक जून से लेकर आज तक कुल 2941.5 मिमी वर्षा हुई, (औसत 490.2 मिमी) है। अभी तक जिले में वर्षभर की औसत बारिश का 46.3 प्रतिशत बारिश हो चुकी है।
बता दें कि, दक्षिण-पश्चिम कम दबाव के चलते बने चक्रवात के कारण एक बड़ा सिस्टम बन रहा है जिससे जिले में शुक्रवार से शुरू हुई हल्की बारिश आज सुबह तक जारी रही। जिले के पिथौरा तहसील में सबसे अधिक 94.9 मिमी बारिश दर्ज की गयी है। इसी तरह महासमुंद में 69.5 मिमी, बागबाहरा में 52.7 मिमी, कोमाखान में 45 मिमी, बसना में 26.9 मिमी और सरायपाली में 16.7 मिमी बारिश दर्ज की गयी है। जानकारी के अनुसार बारिश से एक गांव से दूसरे गांव को जोड़ने वाली सड़कें नाला में उफान पर है। गांव की निचली बस्तियों में पानी भर गया है । कई गांवों में लोगों के घरों में पानी भर गया है। बम्हनी-चिंगरौद पुल, पीढ़ी-गढ़सिवनी नाला, कोसमनाला में उफान से मार्ग बंद हो गया है। ग्राम लंगहर, तेन्दूवाही, कुकराडीह, परसाडीह, खड़सा के निचली बस्तियों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी छत्तीसगढ़ और आसपास ऊपरी हवा में एक चक्रवात बना हुआ है। कुछ सिस्टम भी सक्रिय है। जिससे प्रदेश में बारिश जारी है। शनिवार और रविवार को मध्यम से भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। 28 जुलाई के बाद वर्षा गतिविधियों में कमी आएगी।
रेस्क्यू टीम ने बचाई दंपति की जान
बीती रात ग्राम तर्रा-धरसीवां निवासी पति-पत्नी नील कमल निषाद, ज्योति निषाद बाइक से पीढ़ी-गढ़सिवनी नाला पार करते समय बह गए। उन्हें बचाने के प्रयास में दो ग्रामीण भी बहने लगे। सूचना पर प्रशासन की रेस्क्यू टीम ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। इसी प्रकार ग्राम खड़सा के कमारडेरा में बारिश का पानी घरों में भर जाने के कारण वे फंस गए। सूचना पर प्रशासन ने कमारडेरा से दस लोगों को रेस्क्यू कर पंचायत भवन में उनके रहने की व्यवस्था और खानपान की व्यवस्था की गई है।
धान के लिए बारिश वरदान, सब्जियों को नुकसान
निरंतर बारिश धान की फसल के लिए वरदान साबित हो रही है। वहीं, सब्जी की फसलों के लिए यह आफत बन गई। पिछले दिनों बारिश थमने के बाद से रोपा लगाने के बाद खेतों में खाद व दवाइयां डालने के लिये पानी की आवश्यकता होती है। शुक्रवार से शुरू हुई बारिश से यह कमी तो पूरी हो गई। लेकिन, जिन किसानों ने सब्जियां लगाई है यानी पत्तेदार तथा नारवाली सब्जियां जैसे कुंदरू, परवल, खीरा, टमाटर ऐसी सब्जियों को लगातार बारिश से नुकसान हो रहा है।