समावेशी शिक्षा की बारीकियों से अवगत हुए शिक्षक
दो दिवसीय वातावरण निर्माण कार्यशाला सह प्रशिक्षण
महासमुंद। विकासखंड में समावेशी शिक्षा योजना के अंतर्गत प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों के लिए दो दिवसीय वातावरण निर्माण कार्यशाला सह प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को समावेशी शिक्षा की बारीकियों से अवगत कराना एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना था। प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सावंत, जिला मिशन समन्वयक रेखराज शर्मा, एपीसी डीएन जांगड़े एवं बीआरसीसी जागेश्वर सिन्हा उपस्थित रहे।
जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सावंत ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों को किसी भी स्थिति में शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए। शासन की सभी योजनाओं का लाभ दिव्यांग बच्चों तक पहुँचें, यह शिक्षकों एवं प्रशासन की सामूहिक जिÞम्मेदारी है। जिला मिशन समन्वयक रेखराज शर्मा ने कहा कि शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ विद्यार्थियों को खेल और अन्य सहगामी गतिविधियों से जोड़कर रखना आवश्यक है। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को प्रोत्साहित किया जाए। ताकि, वे अपनी रुचि के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें और जिले का नाम रोशन करें। एपीसी डीएन जांगड़े ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को यदि सही मार्गदर्शन एवं अवसर मिले तो वे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहते। गीत-संगीत, कला एवं अन्य विधाओं में वे पारंगत होकर अपनी विशेष पहचान बना सकते हैं।
बीआरसीसी जागेश्वर सिन्हा ने भी संबोधित किया। इस प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्स के रूप में बीआरपी अनिता निर्मलकर, स्पेशल एजुकेटर तुलसी साहू, पीएलसी शिक्षक लव कुमार निर्मलकर एवं साइड सेवर मुकेश निषाद ने समावेशी शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। अधिकारियों ने मास्टर ट्रेनर्स को मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया। प्रशिक्षण को सफल बनाने में प्राचार्य गोविंद सिन्हा, सीएसी पवन साहू, प्रधानपाठक गैंदराम साहू, रेणु चंद्राकर, प्रवीण सोनकुंवर, केशव साहू एवं भुनेश्वर साहू का विशेष योगदान रहा।