बस्तर की विशिष्ट जनजातीय कला व संस्कृति को संरक्षित करेगा ‘बस्तर पण्डुम’

विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता 17 मार्च से
उत्तर बस्तर कांकेर, 11 मार्च 2025/ प्रदेश सरकार द्वारा बस्तर की विशिष्ट जनजातीय कला एवं संस्कृति को पुनर्जीवित करने तथा समुचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य से 17 मार्च से बस्तर पंडुम उत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। ‘‘बस्तर पण्डुम’’ के सफल संचालन हेतु कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरेश मण्डावी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
इसी क्रम में आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं जिले के सभी जनपद सीईओ की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सीईओ जिला पंचायत ने बताया कि छत्तीसगढ़ की अनूठी आदिवासी संस्कृति और परंपराओ का जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से ‘‘बस्तर पण्डुम’’ का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी देते हुए बताया कि 17 मार्च से विकासखंड स्तर पर कार्यक्रम प्रारंभ होगा। इसके लिए 16 मार्च तक जनपद कार्यालय में पंजीयन करा सकते है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप इस आयोजन के माध्यम से बस्तर संभाग की समृद्ध लोककला, रीति-रिवाज, पारंपरिक जीवनशैली और सांस्कृतिक विरासत को संजोने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। यह महोत्सव न केवल बस्तर के प्रतिभाशाली कलाकारों का एक मंच प्रदाय करेगा, बल्कि उनकी कला को नई पहचान के साथ प्रोत्साहित भी करेगा। सीईओ ने बताया कि जिले के विकासखंडों में प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा जो कि 07 अलग अलग विधाओं पर केन्द्रित होगा जिसमें जनजातीय नृत्य, जनजातीय गीत, जनजातीय नाट्य, जनजातीय वाद्ययंत्रो का प्रदर्शन, जनजातीय वेशभूषा आभूषण का प्रदर्शन, जनजातीय कला एवं गोदना का प्रदर्शन तथा जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन का प्रदर्शन है। प्रतियोगिता विकासखंड के उपरांत जिला स्तर पर आयोजित की जाएगी। जिसमें प्रत्येक विधा के 8-8 टीम चयनित होकर अर्थात कुल 56 टीम संभाग स्तर के अंतिम चरण में प्रवेश करेगी। सीईओ ने आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त और सभी जनपद पंचायतों के सीईओ को चयन समिति के सदस्य नामांकित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रतियोगिता में भाग ले रहे प्रतिभागियों हेतु पर्याप्त व्यवस्था करने व प्रत्येक स्तर पर विजेता को नगद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र से सम्मानित करने के लिए भी निर्देशित किया।
ज्ञात हो कि बस्तर के जनजातीय समुदाय के लोगों, विशेषकर युवाओं के मध्य समरसता और एकता स्थापित करने की इस अनूठी पहल से बस्तर की जनता में विश्वास, शान्ति और विकास को बढ़ावा मिलेगा। बस्तर पंडुम का आयोजन ब्लॉक, जिला और संभाग स्तर पर किया जाएगा जिसमें जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य सहित जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन, जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण का प्रदर्शन, जनजातीय कला एवं गोदना का प्रदर्शन तथा जनजातीय व्यंजन एवं पेय पदार्थों का प्रदर्शन विधाओं को शामिल किया गया है। साथ ही केवल संभाग स्तर आयोजन में जनजातीय रीति-रिवाज एवं तीज-त्यौहार पर आधारित प्रदर्शनी को समाहित किया गया है। ब्लॉक स्तर के बस्तर पंडुम में सभी कलाकारों एवं प्रतिभागियों को ओपन एंट्री दी जाएगी। इसके बाद चयनित दल एवं प्रतिभागी जिला स्तर और जिला स्तर से चयनित दल एवं प्रतिभागी संभाग स्तर के बस्तर पंडुम में अपनी सहभागिता निभाएंगे। बस्तर पंडुम के प्रत्येक स्तर को बस्तर में उत्सव की तरह मनाया जायेगा जिसमें समाज प्रमुखों, वरिष्ठ नागरिकों, जनप्रतिनिधियों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जायेगा। इसी तरह जिला एवं संभाग स्तर पर बड़े स्तर के कलाकारों को आमंत्रित कर कार्यक्रम प्रस्तुति का अवसर प्रदान किया जाएगा। साथ ही मेहमान कलाकारों के रूप में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के दलों को आमंत्रित किया जाएगा। बस्तर पंडुम के प्रत्येक स्तर पर विजेता दलों एवं प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित भी किया जायेगा।