छत्तीसगढ़-ओडिशा के बीच रोटी-बेटी का संबंध, दोनों के अचार-विचार मिलते है- मुख्यमंत्री

महासमुंद 16 अक्टूबर 2024। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गढ़फुलझर में बाबा बिसाशहे कुल कोलता समाज द्वारा आयोजित वार्षिक स्नेह सम्मेलन व बंधु मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए। उनके साथ मंत्री दयाल दास बघेल और वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री साय पहले राम चंडी मंदिर पहुंच कर पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामनाएं की। इसके बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कोलता समाज को बधाई देते हुए कहा कि, यह एक ऐसा समाज है, जो एक बड़े वर्ग को अपने साथ लेकर चलता है। यह समाज भारतीय समाज, संस्कृति व परंपरा को लेकर चलने वाला समाज है, क्योंकि इस समाज के अधिकांश लोग खेती-किसानी करने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि, ओडिशा की संस्कृति प्राचीन संस्कृति है, और छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से इस राज्य से जुड़ा है। दोनों प्रदेश के लोगों का रोटी-बेटी का संबंध है। दोनों के अचार-विचार मिलते हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, कोलता समाज द्वारा आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में शामिल होना सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने राम चंडी दिवस और शरद पूर्णिमा की बधाई देते हुए कहा यह सौभाग्य है कि, आप सबका दर्शन लाभ लेने आये है। भगवान रामचंडी से सब की खुशहाली कि कामना की है। यह समाज बड़ा शिक्षित, समृद्ध है। जो दूसरे समाज को प्रेरणा देने वाला समाज है। उन्होंने कहा कि, मोदी की गारंटी के अनुरूप हम काम कर रहे है।13 लाख परिवार को तेंदुपतता संग्रहण का लाभ मिल रहा है।रामलला दर्शन योजना से लाखों श्रद्धांलुओं को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि, समाज उत्तोतर विकास करें यही कामना है।युवा नशा के खिलाफ भी जागरूक हो। उन्होंने सभी को शासकीय योजना का लाभ लेने का भी आह्वान किया। कहा कि समाज के सभी वर्ग सामने आये। वित्त मंत्री ने कहा कि, मुख्यमंत्री 21 क्विंटल धान खरीदी, बोनस देने वाले,18 लाख गरीब को आवास देने के साथ उन्हें 9 लाख 25 हजार गरीबो को पहला किश्त दिया गया।70 लाख महिलाओं को हर माह एक हजार दे रहे है। ऐसे मुख्यमंत्री का अभिनंदन है। प्रभारी मंत्री दयाल दास बघेल ने सभी समाज के लिए सर्व मंगल भवन के लिए घोषणा के लिए अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने रामचंडी गढ़फुलझर क्षेत्र को पर्यटन के रूप मे विकसित और गढ़फुलझर में सर्व समाज मंगल भवन के लिए 50 लाख रूपये की घोषणा की। कार्यक्रम में सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा,बसना विधायक संपत अग्रवाल, सरायपाली विधायक श्रीमती चातुरी नंद, पूर्व सांसद चुन्नी लाल साहू सहित समाज के पदाधिकारी, सदस्य और बड़ी संख्या मे श्रद्धांलुगण मौजूद रहे।
मान्यता है कि प्रभु श्रीराम जी द्वारा रावण से रण में विजय पाने के लिए देवी की 9 दिन तक उपासना की थी। राम साधक के रूप में कठोर साधना कर चंडी को प्रसन्न किया, उनसे विजयी होने का आशीर्वाद प्राप्त किया। उसी समय से देवी के उस स्वरुप का नाम रनेश्वर राम चंडी पड़ा। माता रनेश्वर रामचंडी बाबा बिशा सहे कोलता समाज की कुल देवी के रूप में फुलझर के गढ़ में प्रतिष्ठित हैं। जहाँ एक और राजा तालाब और एक और रानी तालाब है। यहाँ आदिवासी भैना राजा का राज्य था. जिन्होंने गुरु नानक देव जी को 4 एकड़ भूमि देकर एवं गांव का नाम नानक सागर कर सम्मानित किया। सन 2004 में रनेश्वर रामचंडी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई। तब से प्रत्येक वर्ष रामचंडी दिवस का आयोजन धूमधाम से होता हैं। यह आयोजन का 20वा वर्ष है। छत्तीसगढ़ में 306, गांव में कोलता समाज निवासरत है। जिसे 4 अंचल में विभाजित किया गया है, जिसके अंतर्गत 30 शाखा सभा आते हैं, प्रत्येक 100, व्यक्ति में एक ग्राम प्रतिनिधि होते हैं. कोलता समाज प्रमुख रूप से क़ृषि कार्य करते हैं। सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और परंपरा तथा जड़ से जुड़े रहने वाले होते हैं। शिक्षा के प्रति विशेष आग्रह रखने वाले, धार्मिक तथा सेवाभावी होते हैं। रामचंडी दिवस में छत्तीसगढ़ के 8 तथा ओड़िसा के 12 जिले के लोग उपस्थित होते हैं। इस कार्यक्रम में कोलता समाज के अलावा अन्य समाज के लोग भी शामिल होते हैं। यह पर्व और माता का यह स्वरुप शक्ति और मर्यादा का समन्वित रूप है।