मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता, धान फसल में तनाछेदक का प्रकोप

महासमुंद। जिले में इन दिनों बदलते मौसम और नमी के कारण धान फसलों पर होने वाले तनाछेदक बीमारी किसानों की चिंता बढ़ा दी है। धान की बाली डेढ़ से दो फीट होते ही तनाछेदक कहर बरपाना शुरू कर देता है। वर्तमान मौसम कीड़ों के लिए अनुकूल साबित हो रहा है।
खरीफ सीजन जिले में 2.65 लाख हेक्टेयर पर धान सहित अन्य फसल ली जाती है। किसान खरीफ सीजन में प्रमुख रूप से धान की फसल लेते हैं। किसान सावन के प्रथम पखवाड़े में पर्याप्त बारिश होने के बाद बोआई, रोपाई का काम पूरा कर चुके हैं अब फसल लहलहाने लगी है, लेकिन तनाछेदक कीट प्रकोप की आशंका है, बचाव के लिए किसान अपने खेतों में दानेदार दवा का छिड़काव कर रहे हैं।
कीटों के लिए मौसम अनुकूल
बम्हनी के सुरेश साहू ने बताया कि वह लगभग 13-14 एकड़ में धान की फसल लेते हैं। मौसम के बदले मिजाज से लगभग तीन – चार एकड़ की धान फसल में तनाछेदक बीमारी लग चुकी है और कई खेतों में लगने की आशंका है। आने वाले दिनों में मौसम नहीं बदला तो माहो कीट का प्रकोप बढ़ने की आशंका है। किसान पुरुषोत्तम साहू ने बताया कि वह लगभग 8 एकड़ में धान की फसल लेते हैं। इन दिनों मौसम में शीतलता तनाछेदक कीटों के लिए अनुकूल साबित हो रहा है। फसलों को बीमारी से बचाने दवा छिड़काव कर रहे हैं।