छत्तीसगढ़ को स्किल हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम

8183 युवाओं को दी गई ऑनलाइन स्किल ट्रेनिंग, 25 युवाओं को मुख्यमंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित
दुर्ग, 20 जुलाई 2025/ जिले के भिलाई स्थित रूंगटा यूनिवर्सिटी में आयोजित विश्व युवा कौशल उत्सव 2025 के समापन समारोह में आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस ऐतिहासिक अवसर पर रूंगटा यूनिवर्सिटी ने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नया कीर्तिमान दर्ज किया, जिससे न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे प्रदेश के युवाओं को कौशल विकास क्षेत्र में एक नई दिशा मिली है। ऑनलाइन मोड से युवाओं को विभिन्न देशों के विशेषज्ञों द्वारा एक से अधिक कौशलों की ट्रेनिंग दी गई। इस पहल के पहले चरण में 8183 युवाओं को ऑनलाइन माध्यम से विभिन्न विधाओं से संबंधित स्किल की ट्रेनिंग दी गई। जिसमें से 25 युवाओं को स्किल डेवलेपमेंट के लिए प्रशस्ति पत्र देकर मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। इस अवसर पर रूंगटा यूनिवर्सिटी ने अग्रणी कंपनियां गूगल, आईबीएम, और इंटरनेशनल काउंसिल के साथ मिलकर ज्वाइंट डिग्री प्रोग्राम की शुरुआत की। साथ ही हार्वेड और कैम्ब्रिज के बीच एमओयू हुआ। इससे युवाओं को वैश्विक स्तर की शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह आयोजन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया है। गोल्ड बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम यहां आई है और उन्होंने यहां 8,183 प्रतिभागियों को एक सप्ताह के भीतर दिये गये प्रशिक्षण के लिए इसे प्रमाणित कर इसका सर्टिफिकेट संस्था को प्रदान किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने रूंगटा विश्वविद्यालय प्रबंधन को बधाई देते हुए कहा कि प्रबंधन ने प्रशिक्षण का यह आयोजन पूरा निःशुल्क किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर और हुनरमंद बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भिलाई को इस्पात नगरी के साथ ही मिनी इंडिया भी कहा जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में रूंगटा यूनिवर्सिटी का योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने 25 वर्षों में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास किया है और इस वर्ष को हम रजत जयंती वर्ष के रूप में मना रहे हैं। जब डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री बने थे, तब राज्य में उच्च शिक्षा की संस्थाओं का विस्तार हुआ। आज छत्तीसगढ़ में 15 मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपलआईटी, सिपेट, एम्स, और लॉ यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय संस्थान मौजूद हैं। हमारे राज्य ने शिक्षा ही नहीं, स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़ी प्रगति की है। पिछले डेढ़ साल में हम सुशासन स्थापित करने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। शासन को पारदर्शी बनाने के लिए अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं, जिससे भ्रष्टाचार के रास्ते बंद हुए हैं और राजस्व वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से समृद्ध प्रदेश है और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ‘‘विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़’’ निर्माण के लिए काम कर रहे हैं और यह इतना बड़ा कार्य है कि इसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है और यह कार्य बड़े पैमाने पर होना चाहिए, जैसा कि आज हुआ है। प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के अगले वर्ष ही 2015 में हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने “स्किल इंडिया मिशन” आरंभ किया। इस मिशन ने देश की तस्वीर ही बदल दी। जब यह मिशन आरंभ हुआ, उस समय भारत दुनिया की दसवें नंबर की अर्थव्यवस्था था। आज एक दशक के भीतर हमारा देश जापान को भी पीछे छोड़कर चौथे स्थान पर आ चुका है। प्रधानमंत्री जी ने जिस तरह से मेगा प्लेसमेंट कैंप देश भर में आयोजित किये हैं उससे देश भर में नियोक्ताओं को कुशल लोग मिले हैं और कुशल लोगों को उपयुक्त नियोक्ता मिले हैं। यह संतुलन बहुत जरूरी था और यह डबल इंजन की सरकार में हो रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना एक बेहद महत्वपूर्ण योजना है। प्रायः यह होता है कि कोई युवा जब किसी उद्योग में नौकरी के लिए आवेदन करते हैं तो उन्हें कहा जाता है कि अनुभव बताओ। स्वाभाविक रूप से यह इसलिए होता है कि एकदम से नया व्यक्ति संस्थान के लिए उतना उपयोगी नहीं होता, कुछ चीजें सीखता है तभी प्रभावी परिणाम दे पाता है। अब इंटर्नशिप योजना से युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान इंसेटिव मिल रहा है। इस एक पहल ने युवाओं के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिये हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हमारी सरकार ने युवाओं के लिए अवसर खोलने नई औद्योगिक नीति में अनेक प्रावधान किये हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान यह है कि एक हजार से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार देने पर अनुदान प्रावधान किये गये हैं। पूरे प्रदेश में उद्योग लगाने पर अनुदान प्रावधान किये गये हैं लेकिन बस्तर और सरगुजा में उद्योग लगाने और भी रियायतें दी गई हैं। बस्तर और सरगुजा औद्योगिक उड़ान के लिए तैयार हैं और यहां के स्थानीय लोगों को इन अवसरों का लाभ दिलाने हम भी तैयार हैं। हमारी सरकार ने बस्तर के सभी 32 विकासखंडों में स्किल इंडिया का काम शुरू कर दिया है। नई औद्योगिक नीति में हमने आकर्षक प्रावधान रखे हैं। इज आफ डूइंग बिजनेस और इज आफ लिविंग को बढ़ावा देते हुए हमने सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से क्लीयरेंस की प्रक्रिया को बेहद आसान कर दिया है। जब हम नई औद्योगिक नीति को लेकर देश के महानगरों में गये तो हमने जितना सोचा था, उससे कहीं बेहतर रिस्पांस मिला। अब तक हमें 6 लाख 75 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं और इनके अनुमोदन की प्रक्रिया तेजी से जारी है। इस नवीन औद्योगिक क्रांति की संभावनाओं के चलते हमारे जो युवा रोजगार के अवसरों के लिए बाहर जाने से हिचकते हैं उनके लिए स्वर्णिम अवसर उपलब्ध होंगे। नवा रायपुर में फार्मास्युटिकल कंपनी का शुभारंभ विगत दिवस हुआ है। यह कंपनी रायपुर में दो कारणों से स्थापित हुई, पहले तो हमने यहां फार्मा हब बनाया, दूसरा फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में निवेश में नई औद्योगिक नीति में विशेष प्रावधान हैं। इस इंडस्ट्री से जरा दूर ही दो महीने पहले हमने प्रदेश के पहले सेमीकंडक्टर यूनिट का शिलान्यास किया। यह भी इसलिए हो सका क्योंकि हमने एआई और आईटी के क्षेत्र में निवेश पर विशेष अनुदान प्रावधान किये हैं। एआई में बड़ी संभावनाओं को देखते हुए हमने देश का पहला एआई डाटा सेंटर पार्क नवा रायपुर में स्थापित किया है। मुख्यमंत्री ने इस बात की गहरी खुशी जतायी कि निजी क्षेत्र की रुंगटा विश्वविद्यालय जैसी संस्थाएं हुनरमंद लोगों को तैयार करने के सरकार के प्रयासों में बराबर की सहयोगी है। उन्होंने प्रशिक्षण लेने वाले प्रतिभागियों और विश्वविद्यालय परिवार को इस सफलता के लिए बहुत बधाई दी।
कार्यक्रम को सांसद विजय बघेल और विधायक रिकेश सेन ने भी संबोधित किया। रूंगटा युनिवर्सिटी के कुलपति संतोष रूंगटा ने स्वागत उद्बोधन में युनिवर्सिटी की कार्य गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने युनिवर्सिटी प्रबंधन की ओर से मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री साय एवं अन्य अतिथियों को शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर संभाग आयुक्त एस.एन. राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर अभिजीत सिंह एवं रूंगटा युनिवर्सिटी के प्रोफेसर, विषय विशेषज्ञ प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।