भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोपीगण को दी गई सजा
दंतेवाड़ा, 19 जुलाई 2025। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी विज्ञप्ति अनुसार प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार होता, विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ के न्यायालय ने आरोपी चोवाराम पिस्दा, ने लोक निर्माण विभाग सुकमा में कार्यपालक अभियंता के पद पर एवं आरोपी ज्ञानेश कुमार तारम, लोक निर्माण विभाग उप संभाग कोन्टा जिला सुकमा में उप अभियंता एवं प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी के पद पर पदस्थ रहते हुये वर्ष 2010-11 में एल.डब्ल्यू. ई. योजना अन्तर्गत चिंतलनार से मरईगुड़ा के सड़क ठेकेदार नीरिज सीमेंट स्ट्रक्चर लिमिटेड बम्बई के अधिकृत ठेकेदार मदिना मोहम्मद से कराये जाने के दौरान माप पुस्तिका में कार्य से अधिक फर्जी मापदण्ड कर देयक तैयार कर 2,84,06,785 रूपये अधिक निकलवाने, आपराधिक अवचार करने, माप पुस्तिका में कार्य से अधिक फर्जी मापदण्ड कर देयक तैयार कर ठेकेदार को दिलाने, कुटरचना कर, छल करने के अपराध में सिद्धदोष पाते दोषी पाते हुये आरोपीगण को धारा-13(2) भ्रष्ठाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत 02 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा-120 भा.द.सं. में 01 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा-420 भा.द.सं. में 03 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा-467 भा.द.सं. में 03 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा-468 भा.द. सं. में 03 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 471 भा.द.सं. में 03 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा से दण्डित किया गया है।
घटना के संबंध में 05 सितंबर 2012 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया था। न्यायालय में 29 जुलाई 2019 को अंतिम प्रतिवेदन चार्जशीट प्रस्तुत किया गया था। अभियोजन द्वारा कुल 19 साक्षियों का कथन न्यायालय में कराया गया था। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार होता, विशेष न्यायाधीश (भ्रष्ठाचार निवारण अधिनियम) दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा छ.ग. के न्यायालय ने आरोपी चोवाराम पिस्दा एवं आरोपी ज्ञानेश कुमार तारम के विरूद्ध उक्त फैसला 16 जुलाई 2025 को सुनाया है।