छत्रपति शिवाजी जन-जन के नायक: तिलक साव

महासमुंद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केशव प्रभात शाखा में आयोजित हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत स्वाभिमान मंच के जिला संयोजक तिलक साव ने कहा कि हिंदवी साम्राज्य की स्थापना करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज जन-जन के नायक हैं, लेकिन उनके नायक उनकी माता जीजाबाई थीं, जिन्होंने बचपन से ही शिवाजी को रामायण और महाभारत की शिक्षा दी। शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक के साथ ही हिन्दवी साम्राज्य स्थापित हुआ। भगवा के अनन्य उपासक शिवाजी रणनीति, कूटनीति में पारंगत होने के साथ भ्रष्टाचार निषेधक और हिंदुओं की घर वापसी के समर्थक थे।
कहा कि शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक, संपूर्ण हिंदू राष्ट्र के लिए एक संदेश था कि यह विजय का रास्ता है, इस पर चलो। शिवाजी एक ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए हर प्रकार से खुद को योग्य बनाया। शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के बाद सबको भरोसा हो गया। फिर से कोई हिंदू समाज, हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति, हिंदू राष्ट्र को प्रगति पथ पर अग्रसर कर सकता है तो वह हैं शिवाजी महाराज।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महासमुंद जिला के सामाजिक समरसता प्रमुख गोवर्धन प्रधान ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक होना यह केवल शिवाजी के विजय की बात नहीं है, अपितु समस्त हिंदू समाज का विजय है। शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के समय तक इस देश के धर्म, संस्कृति व समाज का संरक्षण कर हिंदू राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करने के जो प्रयास चले थे, वे बार-बार विफल हो रहे थे। प्रयोग चले, राजा लड़ रहे थे, विभिन्न प्रकार की रणनीति का प्रयोग कर रहे थे, संत लोग समाज में एकता लाने के, उनको एकत्र रखने के, उनकी श्रद्धाओं को बनाये रखने के लिए अनेक प्रकार के प्रयोग चला रहे थे। कुछ सफल हुए, कुछ पूर्ण विफल हुए लेकिन जो सफलता समाज को चाहिये थी वह कहीं दिख नहीं रही थी। इन सारे प्रयोगों के प्रयासों की अंतिम सफल परिणति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक है। यह केवल शिवाजी महाराज की विजय नहीं है। लड़ने वाले हिंदू राष्ट्र की अपने शत्रुओं पर विजय है। शिवाजी ने सही मायने में हिन्दवी स्वराज की स्थापना की।
उन्होंने कहा कि शिवाजी का राज्याभिषेक ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी विक्रम संवत 1731 (6 जून 1674) को रायगढ़ के किले पर हुआ था। शिवाजी को छत्रपति बनाने में माता जीजाबाई के संस्कार और गुरु समर्थ रामदास की शिक्षा का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर छत्रपति शिवाजी द्वारा आमेर के महाराजा जयसिंह को लिखे पत्र ऐतिहासिक पत्र का वाचन जिला सम्पर्क प्रमुख खगेंद्र तारक ने किया। साहस और दृढ़ता से भरे इस पत्र में शिवाजी की दूरदर्शिता और राजनीतिक कौशल स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। कार्यक्रम का प्रारंभ सुभाषित, अमृत वचन व गीत के साथ हुआ। इस अवसर पर जिला संघचालक महेश चंद्राकर, नगर संचालक भूपेंद्र राठौड़, छत्तीसगढ़ प्रांत के सहकार्यवाह घनश्याम सोनी सहित केशव प्रभात शाखा के स्वयंसेवक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। उक्ताशय की जानकारी केशव प्रभात शाखा की ओर से स्वयंसेवक चंद्रशेखर साहू ने दी।