3 सालों में 6.79 करोड़ से अधिक की ऑनलाइन ठगी

छोटी नौकरी-पेशा या कम आय वर्ग और ग्रामीण हुए हैं शिकार
महासमुंद। फर्जी लोन, फर्जी जॉब ऑफर, शेयर ट्रेडिंग, डिजिटल अरेस्ट , व्यक्तिगत जानकारी की चोरी और अन्य माध्यमों से इन दिनों साइबर ठग ठगी को अंजाम दे रहे हैं। शासन, प्रशासन और पुलिस विभिन्न माध्यमों से इन साइबर ठगों से बचने के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं बावजूद इसके लोग लालच में फंसकर अपनी गाड़ी कमाई गवां रहे हैं। साइबर ठगी के मामलों में बहुत कम लोग ही शिकायत पुलिस से करते हैं पर बहुत से लोग बदनामी उपहास के डर से शिकायत नहीं करते।
बता दें कि जिले में दूसरे राज्यों में बैठे साइबर ठग मदद के नाम पर लिंक डाउनलोड कराकर या बैंकिंग डिटेल लेकर रुपए ठग रहे हैं। ऐसे अपराध लगातार हो रहे हैं। ऐसे मामलों में पुलिस ताजा मामलों में रुपए होल्ड करा पाती है। बहुत कम मामलों में ठग की गिरफ्तारी और रुपए की रिकवरी हो पाती है, इसलिए बचाव ही बेहतर है। ऑनलाइन फ्राड के मामले में आरोपी पुलिस की पकड़ में कम ही आते हैं। ठग किसी व्यक्ति के क्रेडिट कार्ड या बैंक खाता का उपयोग कर ठगी कर रुपए निकाल लेते हैं। अब नए मामलों में दिल्ली के साथ दूसरे राज्यों से बदमाश जॉब दिलाने के नाम पर या ब्लैकमेल कर ठगी कर रहे हैं। सोशल मीडिया में लाइक कमेंट और शेयर करने, मोबाइल में लिंक भेजकर करोड़पति बनाने का झांसा देते हैं। जिले में बीते 3 साल में 6 करोड़ 79 लाख 2 हजार 980 रुपए की ठगी हुई है। इसमें पुलिस ने ठगी के शिकार हुए व्यक्ति की सूचना पर साइबर सेल की मदद से जांच कर 25 लाख 27 हजार 956 रुपए ठगों के खाते में जाने से पहले ही रिफण्ड कराया और ऑनलाइन ठगी की शिकायत के आधार पर तत्काल एक्शन लिया। पुलिस ने 85 लाख 11 हजार 12 रुपए ठगों के खाते में जाने से पहले ही बैंक में होल्ड कराया है। ठगी के शिकार ज्यादातर लोग छोटी नौकरी-पेशा या कम आय वर्ग और ग्रामीण अंचल के अधिक हैं। जानकारी के अनुसार पिछले तीन साल में जिले में सबसे ज्यादा 20 प्रकरण 2024 में दर्ज किए गए हैं। इनमें अन्य साल की तुलना में केश के साथ 3 करोड़ 77 लाख 75 हजार 343 रुपए ठगी हुई है। जो पिछले साल की तुलना में अधिक है।
सावधानी ही बचाव
साइबर ठगी से बचने के लिए किसी भी अनजान व्यक्ति को एटीएम, डेबिट, क्रेडिट कार्ड आदि का डिटेल न बताएं। फेसबुक या सोशल मीडिया पर अपरिचित को निजी फोटो, वीडियो शेयर करने से बचें। मोबाइल पर शेयर किए जा रहे फिशिंग टूल से बचें, आॅनलाइन खरीदी के समय विशेष सावधानी बरतें, किसी भी अनजान ई-मेल, लिंक पर क्लिक ना करें।
1930 पर करें शिकायत
ठगी का शिकार होने पर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 व बैंक के टोल फ्री नंबर पर ही फोन करें और इसकी सूचना अपने बैंक को दें। समय रहते सूचना मिलने पर ठग के खाते को तत्काल ब्लॉक किया गया है। जिस व्यक्ति के साथ ऑनलाइन ठगी हुई है, वे तत्काल बैंक के टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं। सेन्ट्रल सीएएफआरएस टीम को मैसेज जाते ही अलर्ट हो जाते हैं।
साल-दर-साल बढ़ रहा आंकडा
वर्ष प्रकरण ठगी की राशि
2022 2 92 लाख 46 हजार 768 रुपए
2023 4 2 करोड़ 8 लाख 80 हजार 869 रुपए
2024 20 3 करोड़ 77 लाख 75 हजार 343 रुपए