मत्स्य पालन के साथ झींगा उत्पादन भी, कृषकों को दोहरा लाभ

दंतेवाड़ा, 21 नवंबर 2025। मत्स्य पालन कृषकों के लिए सदैव अतिरिक्त आर्थिक लाभ की दृष्टि से लोकप्रिय कार्यक्षेत्र रहा है। चाहे समूह में अथवा व्यक्तिगत हो, अगर मत्स्य पालन को वैज्ञानिक एवं व्यवसायिक दृष्टिकोण एवं विभागीय मार्गदर्शन से अपनाया जाए तो यह कृषकों के लिए फायदे का सौदा साबित होता है। इस तारतम्य में अब मत्स्य विभाग कृषकों को मत्स्य पालन के साथ-साथ झींगा उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। ज्ञातव्य है कि मत्स्य से जुड़े पोखरों, स्वनिर्मित तालाबों में झींगा पालन आसानी से किया जा सकता है। इसके पालन उत्पादन एवं मार्केटिंग के लिए विभागीय कार्ययोजना भी बनाई गई है। इस क्रम में मत्स्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि जिले के कृषक शासन के नवीन योजना पॉलिकल्चर अंतर्गत मत्स्य उत्पादन के साथ-साथ झींगा उत्पादन भी करेंगे। इस योजना अन्तर्गत जिले के 09 हितग्राही सधाम, सन्तुराम, (ग्राम फुलनार), नाहरूराम कवासी (ग्राम नागुल), अजय कष्यप (ग्राम मड़स)े, रविद्र नेगी (ग्राम बारसूर), ताती पोदिया (ग्राम टिकनपाल), राजेश राना (ग्राम हल्बारास), राजू नाग (ग्राम मैलावाड़ा), सोनाराम मंडावी, (ग्राम मारहराकरका) चयनित है। योजना के सफल कियान्वयन हेतु विभाग द्वारा सर्वप्रथम इन हितग्राहियों को कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से तकनीकी प्रशिक्षण प्रदाय किया गया। शासन की योजना अनुसार इन्हें दिए गए अनुदान में मेजर कार्प प्रजाति का मछली बीज रोहु, कतला, ग्रास कार्प, के साथ ही झींगा बीज जुवेनाईल प्रदाय किया गया। इसके साथ ही इन्हें कृषकों को उत्पादन बढ़ाने परिपूरक आहार भी दिया गया।