सीॉईओ ने लंबित पत्रों को गुणवत्तापूर्ण निराकरण करने के दिए निर्देश, 15 को होगा जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन
गरियाबंद 11 नवम्बर 2025। कलेक्टर बी.एस. उइके के मार्गदर्शन में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रखर चंद्राकर की अध्यक्षता में जिला कार्यालय के सभाकक्ष में साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक आयोजित की गई। बैठक में उन्होंने जिला अधिकारियों को जनसमस्याओं, शिकायतों एवं मांगों से संबंधित सभी आवेदनों का परीक्षण कर उनका गुणवत्तापूर्ण निराकरण निर्धारित समय-सीमा के भीतर करने को कहा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री पंकज डाहिरे एवं श्री नवीन भगत, सहित वरिष्ठ जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे। श्री चंद्राकर ने कहा कि राज्य शासन के आदिम जाति तथा अनुसूचित विकास विभाग मंत्रालय के निर्देशानुसार 15 नवम्बर 2025 को जिला स्तरीय जनजातिय गौरव दिवस कार्यक्रम का आयोजन गांधी मैदान में किया जाएगा। इसके लिए अपर कलेक्टर श्री पंकज कुमार डाहिरे को संपूर्ण कार्यक्रम के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है। साथ ही अपर कलेक्टर श्री नवीन भगत एवं संयुक्त कलेक्टर को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारियों को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के दायित्व सौपें गए है।
उन्होनें कहा कि कलेक्टर जनदर्शन सहित उच्च कार्यालय से आए लंबित पत्रों को विभागिय अधिकारी गुणवत्तापूर्ण ढंग से निराकरण करें। विभिन्न माध्यमों से प्राप्त मांग एवं शिकायतों से संबंधित पत्रों को विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही के बारे में भी आवेदकों को भी जानकारी उपलब्ध करायें ताकि उन्हें विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यवाही के बारे में जानकारी मिल सकें। जिलास्तरीय एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी अपनी विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों का निराकरण तत्काल करें। जिससे कि सेवा निवृति होने के दिन उनके स्वत्वों का भुगतान सुनिश्चित की जा सकें। उन्होनें कहा कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना भारत सरकार द्वारा एक पहल है। जिसका उद्देश्य घरों में सौर पैनल लगाकर मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है। शासन द्वारा इसके लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। जिले के पात्र हितग्राहियों या अधिकारी-कर्मचारियों के घरों के छतों पर पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से लाभांवित करने के लिए प्रेरित करें। इससे उनके बिजली के बिल में बचत होगी।
जिला सी.ई.ओ. श्री चंद्राकर ने कहा कि एस.डी.एम. अपने-अपने अनुभाग के अन्तर्गत फिल्ड निरीक्षण पर जाते है तो यह सुनिश्चित करें कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बनाए जा रहे घरों की गुणवत्ता और प्रगति की जाँच करें। तथा हितग्राहियों द्वारा निर्धारित ले-आउट पर आवास निर्माण किया जा रहा है कि नहीं। उन्होनें कहा कि जिले के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराकर उपचार कराय। जिससे कि ऐसे बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार आ सके।
