अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर मोड़ता है प्रकाश पर्व

उपकार भवन में धूमधाम से मनाया गया दीपोत्सव
महासमुंद। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवा केंद्र उपकार भवन में दीपोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सेवा केंद्र संचालिका ब्रम्हा कुमारी प्रीति दीदी ने दीपावली पर संदेश दिया कि यह प्रकाश का पर्व काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार के अज्ञानता रूपी अंधकार से भटके हुए मनुष्यों को ज्ञान के प्रकाश की ओर मोड़ता है। घर की साफ-सफाई मन, वचन कर्म की पवित्रता को जीवन में धारण करना सिखाता है। दीपक जलाने का आध्यात्मिक अर्थ यह सिखाता है कि परम ज्योति पिता परमात्मा शिव से आत्मा रूपी दीपक को सदा के लिए ज्योतिर्गमय कर लेना और उनके पावन प्रकाश से सम्पूर्ण विश्व अलौकिक हो जाए। व्यापारी नया खाता प्रारंभ करते हैं, जो हमें सिखाता है कि अपने पुराने स्वभाव, संस्कार व विकारों का खाता परमात्मा की याद से खत्म कर नए जीवन की शुरूआत करना है। भैया दूज पर ब्रम्हा कुमारी बहनों ने सभी को आत्मिक तिलक अर्थात भाई-भाई की दृष्टि का तिलक लगाया। दीदी ने बताया यह भाई दूज का पर्व सिर्फ शारीरिक रिश्ता नहीं, बल्कि आत्मिक संबंध का प्रतीक है। जहां भाई बहन को उसकी आत्मा की सच्चाई याद दिलाती है। यह पवित्रता आध्यात्मिक ज्ञान परमात्मा से जुड़ने का पर्व है।