ईशर-गौरा विवाह महोत्सव 19 से, 21 को निकलेगी राजा ईशर की बारात
महासमुंद। ईशर गौरा पूजा उत्सव समिति अयोध्या नगर के तत्वावधान में शंभु ईशर-गौरा विवाह महोत्सव का 4 दिवसीय आयोजन अयोध्या नगर में किया गया है। सर्वप्रथम 19 अक्टूबर की शाम 7 बजे फूल कुचरनी का आयोजना होगा। बत दें कि फूल कुचरनी का तात्पर्य यह है कि ईशर गौरा चबूतरा में एक गड्ढा खोदकर पंच तत्वों से बना पदार्थ डालकर गड्ढा को पत्थर से ढंककर गीत के माध्यम से सात बार सादा चावल चढ़ाकर ईशर राजा एवं गौरी रानी को अमावश्या की रात आने के लिए आमंत्रित किया जाता है। यह कार्य कार्तिक पूर्णिमा से प्रारंभ हो जाता है। किन्तु, यह कार्य एक सप्ताह पूर्व किया जा रहा है। गांवों में यह परम्परा आज भी निभाई जाती है। जिसे फूल कुचरनी कहा जाता है। 20 अक्टूबर को महिलाएं सुवा नृत्य के माध्यम से शाम 7 बजे पुन: ईशर गौरा को जागृत करेंगी। समाज के गायता पुजारी एवं कुवारी कन्याएं 21 अक्टूबर की सुबह 10 बजे महामाया तालाब से नई टोकरी में मिट्टी लाएंगे। ईशर राजा के सृजन का कार्य 3 देव (मरकाम, शोरी, खुसरो) के घर में किया जाएगा। इसी तरह गौरी रानी का सृजन 4 देव (नेताम, टेकाम, करियाम, छिद्राम) के घर किया जाएगा। पश्चात रात 10 बजे सभी के घरों से करसा निकालकर नगर भ्रमण करेंगी तत्पश्चात रात 12 बजे ईशर राजा की बारात निकाली जाएगी तथा गौरा रानी को लेकर ईशर गौरा चबूतरा (ठाना) में विवाह सम्पन्न कराई जाएगी। अंतिम दिवस 22 अक्टूबर को विधि विधान से सरोवर, पोखर, तालाब में विसर्जन किया जाएगा। उक्त जानकारी ईशर गौरा पूजा उत्सव समिति अयोध्या नगर के अध्यक्ष चमनलाल ध्रुव, कोषाध्यक्ष रामायण ध्रुव, संयोजक कमलेश ध्रुव, संरक्षक मनराखन लाल ध्रुव ने संयुक्त रूप से दी है।
