खरे की कविताओं का रेडियो प्रसारण 10 को

महासमुंद। आकाशवाणी रायपुर के ‘मोर भुंइया’ कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ी कवि गोष्ठी में स्थानीय कवि बंधु राजेश्वर खरे छत्तीसगढ़ी कविता पाठ करेंगे। मंगलवार 10 जून को सुबह साढ़े 8 बजे प्रसारित इस कवि गोष्ठी का संचालन मिथिलेश शर्मा अर्जुंदा करेंगे व अन्य प्रतिभागी कवियित्री सपना निगम दुर्ग होंगी। संपादक व प्रस्तुतकर्ता महेंद्र साहू होंगे।
विदित हो कि बंधु राजेश्वर खरे पद्य व गद्य विधा में छत्तीसगढ़ी एवं हिन्दी के सशक्त हस्ताक्षर हैं। सन 1976-77 से सृजनरत हैं। छत्तीसगढ़ी साहित्य में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। इनकी कविताएं व कहानियाँ छत्तीसगढ़ी संस्कृति और जीवनशैली को दर्शाती हैं। इनकी रचनाएं प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती हैं। छत्तीसगढ़ी वर्ग पहेली व ‘गुरतुर-चुरपुर’ स्तंभकार रहे हैं। छत्तीसगढ़ी शब्दों, हाना-मुहावरा संग्रह व आकाशवाणी रायपुर से छत्तीसगढ़ी लोककथाओं के प्रसारण में इनकी सक्रिय भागीदारी रही है। दूरदर्शन रायपुर से भेंटवार्ता काव्य पाठ भी इनकी साहित्यिक यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव हैं। बन्धु राजेश्वर खरे, व्यक्ति व समाज को बारीकी से पढ़कर उन पर कलम चलाते हैं। इनकी रचनाओं की मूल आत्मा व्यंग्य है। छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह ‘खंतिहा बर खरी अउ बइठांगुर बर बरी’ एवं छत्तीसगढ़ी लोककथा संग्रह ‘भरम के नाँव टोनही’ इनकी प्रकाशित कृति है। संप्रति सेवानिवृत सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, अयोध्यानगर महासमुन्द में निवासरत हैं।