उत्पादक राज्य होने के बाद भी छग के किसानों को नहीं मिल रही पर्याप्त बिजली : विनोद

महासमुंद। पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने कहा कि बिजली उत्पादक राज्य होने के बाद भी छत्तीसगढ़ के किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। प्रदेश सहित महासमुंद जिले के अनेक ब्लाकों में लो वोल्टेज व लगातार पाॅवर कट की समस्या बनी हुई है। अनेक ब्लॉकों में किसान लगातार धरना, आंदोलन कर लो वोल्टेज की समस्या व लगातार बिजली कटौती के विरोध में चेतावनी देकर ज्ञापन सौंप रहे हैं।
चंद्राकर ने कहा कि वर्तमान में किसान रबी धान की फसल को लेकर चिंतित हैं। राज्य के किसान धान फसल पर निर्भर हैं। अधिकतर किसान रबी में धान फसल लेकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। महासमुंद जिले के किसान भी रबी सीजन में धान फसल ले रहे हैं। असिंचित क्षेत्र के किसान बोरवेल पर निर्भर हैं। ऐसे में लगातार लो वोल्टेज की समस्या तथा अनियमित बिजली कटौती से वे परेशान हैं। चंद्राकर ने कहा कि भाजपा सरकार में मांग के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है। बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से शहर और गांव की जनता जूझ रही है। कांग्रेस की सरकार के दौरान 23 घंटे बिजली की आपूर्ति होती थी। गर्मी के दिनों में मांग बढ़ने पर दूसरे राज्यों से भी बिजली की खरीदी की जाती थी और जनता को 23 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाती थी। रबी फसल लगाने वाले किसानों को भी बोरवेल चलाने के लिए बिजली नि:शुल्क मिलती थी। भाजपा की सरकार में 1 साल में ही बिजली की व्यवस्था चरमरा गई है आम जनता सड़कों पर उतरकर बिजली की समस्या को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को रबी सीजन में धान फसल से वंचित करने भाजपा ने पहले भी षडयंत्र रचा था। पूरे प्रदेश में किसानों की नाराजगी को देखते हुए रबी सीजन में धान फसल पर रोक लगाने के निर्णय को वापस लिया था। वर्तमान में षडयंत्र पूर्वक लगातार वोल्टेज की समस्या व विद्युत कटौती कर फसल खराब करने की योजना सरकार ने बनाई है। ताकि, किसान स्वमेव रबी सीजन में धान फसल ना लें। इसके अलावा 1 मार्च से 12वीं तथा 3 मार्च से 10वीं बोर्ड परीक्षा भी शुरू हो रही है। लगातार लो वोल्टेज व बिजली कटौती से बच्चे पढ़ाई पूरी नहीं कर पा रहे हैं।