वैदिक गणित प्रतियोगी परीक्षाओं में सहायक : शेखर
 
                महासमुंद। जिले केइबागबाहरा शास. महाविद्यालय में वैदिक गणित पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को गणित के प्राचीन भारतीय स्वरूप से परिचित कराकर उन्हें इस विषय के प्रति रूचि उत्पन्न करना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और वक्ता शेखर कानूनगो ने वैदिक गणित की उपयोगिता और इसकी वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाला। व्याख्यान में बताया कि कैसे वैदिक गणित की विधियां जटिल गणनाओं को सहज और तीव्र गति से हल करने में सहायक होती है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों और विधियों के माध्यम से छात्रों को समझाया कि किस प्रकार वे अपनी गणना में सटीकता और गति ला सकते हैं। उन्होंने बताया कि वैदिक गणित न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं में सहायक है, बल्कि यह छात्रों की तार्किक और रचनात्मक सोच को भी विकसित करता है। कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य डाॅ. रश्मि मिंज ने अपने संबोधन में कहा कि गणित एक ऐसा विषय है जो हर क्षेत्र में उपयोगी है और वैदिक गणित इस विषय को और भी सरल और रोचक बना देता है। गणित विभाग की सहा.प्रा. नितिशा बजाज ने कार्यक्रम का संचालन किया। सहा.प्रा. योगेंद्र यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सहा.प्रा. एसजी रात्रे, एकता मक्कड़, धनुर्जय साहू, नितिशा बजाज, डाॅ. राजू चंद्राकर भी शामिल हुए। कार्यक्रम के दाैरान छात्रों ने सवाल पूछे जिनका श्री कानूनगो ने विस्तारपूर्वक उत्तर दिया।
