भोरमदेव तितलियों के स्वर्ग जैसा, पहली बार रिपोर्ट की गई तीन तितली
रायपुर। कबीरधाम में पहली बार भोरमदेव तितली सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन 27 से 29 तक चला। कार्यक्रम में पंजीकृत प्रतिभागी द्वारा ग्रुप बनाकर भोरमदेव अभ्यारण्य क्षेत्र में तितलियों का सर्वे किया गया है। सर्वे के दौरान बहुतायत में दिखाई दी।
तितली प्रेमियों द्वारा बताया गया कि भोरमदेव अभ्यारण्य तितलियों के लिए स्वर्ग जैसा है, यहां तितली बहुतायत में दिखाई दी है। तितली विशेषज्ञों द्वारा यह भी बताया गया कि उनके द्वारा दो तीन ऐसी तितली भी देखी गई हैं जो अब तक भोरमदेव अभ्यारण्य में रिपोर्ट नहीं की गई है। विशेषज्ञों द्वारा देखी गई तितली की फोटोग्राफी की गई। उन्हें एक चेक लिस्ट भी प्रदान किया गया है, जिसमें उनके द्वारा देखे गए तितली को मार्क करते गए। आज सम्मेलन के बाद एक गूगल ड्राईव लिंक जारी किया जाएगा, जिसमें सभी तितली प्रेमी द्वारा अपने द्वारा लिए गए फोटोग्राफ्स को अपलोड किया जाएगा। तितली प्रेमियों को सर्वे के बाद आज रविवार शाम सरोदा दादर में स्थानीय संस्कृति बैगा नृत्य व रात्रिकालीन आकाशीय परिदृश्य स्टार गेजिंग का आयोजन किया गया है।
कबीरधाम वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) शशि कुमार ने बताया कि जून में भोरमदेव अभ्यारण्य अंतर्गत पहली बार बर्ड सर्वे का आयोजन किया गया था, जिसमें पूरे देश के विभिन्न राज्य से प्रतिभागी उपस्थित हुए थे। उन सभी द्वारा आयोजित बर्ड सर्वे की सराहना की गई। इससे उत्साहित होकर भोरमदेव अभ्यारण्य की टीम द्वारा सितंबर माह 29 सितंबर तक तितली सर्वे का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि वर्षा ऋतु के प्रारंभ होने बाद भोरमदेव अभ्यारण्य तितलियों के संसार के रूप में वर्णित हो जाता है।
यहां भरपूर मात्रा में तितली के लिए आवश्यक नेक्टर, होस्ट पौधे उपलब्ध हैं, जो उनके जीवन चक्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि अभ्यारण्य अंतर्गत 120 से अधिक प्रजाति की तितली पाई जाती हैं। भोरमदेव अभ्यारण्य अंतर्गत दुर्लभ ऑरेंज ऑक्लिप्स पाई जाती है, जिससे आकर्षित होकर कई तितली प्रेमी भोरमदेव अभ्यारण्य में इस तितली की फोटोग्राफी के लिए आते रहते हैं। भारतीय डाक विभाग द्वारा तैयार किया गया आरेंज ओकलीफ व कमांडर तितली पर आधारित प्रिंटेड पिक्चर पोस्टकार्ड व कैन्सिलेशन कैचेट का भी विमोचन किया गया है।
