कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं एनआरएलएम की ली संयुक्त बैठक

गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, पोट्ठ लईका पहल अभियान, गर्भवती माताओं के पंजीयन, एएनसी, प्रसव, टीकाकरण की समीक्षा की
राजनांदगांव 03 दिसम्बर 2025। कलेक्टर जितेन्द्र यादव ने आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं एनआरएलएम की संयुक्त बैठक ली। कलेक्टर जितेन्द्र यादव ने गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण, पोट्ठ लईका पहल अभियान, गर्भवती माताओं का पंजीयन, एएनसी एवं संस्थागत प्रसव, टीकाकरण सहित सभी योजनाओं की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण से बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है। कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण को पूर्णत: समाप्त करने के लिए सभी अपने दायित्वों को बेहतर तरीके से समय पर पूरा करें। उन्होंने कार्ययोजना बनाकर प्रत्येक ग्राम पंचायत को कुपोषण मुक्त करने कहा। इसके लिए जनसहभागिता से जनप्रतिनिधियों के सहयोग से सुपोषण के प्रति जागरूकता लाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कुपोषण मुक्त ग्राम पंचायतों को जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय मदों से विकास कार्यों के लिए बजट स्वीकृति में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने अतिगंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में प्रवेश कराने तथा उनका नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने एनआरसी सेंटर को साफ-सुथरा रखने के निर्देश दिए। इसके साथ भोजन की गुणवत्ता और पौष्टिक आहार बच्चों को उपलब्ध कराने कहा। जिससे एनआरसी में भर्ती बच्चे सुपोषण की श्रेणी में जल्दी आ पाएंगे। बैठक के इस दौरान कलेक्टर जितेन्द्र यादव ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिनों का शॉल-श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
कलेक्टर जितेन्द्र यादव ने कहा कि मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत शत-प्रतिशत एएनसी पंजीयन एवं हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हांंिकत करते हुए प्रसव के 15 दिवस पूर्व उन्हे सतत संपर्क करते हुए देखभाल पूर्ण टीकाकरण करना होगा। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाएं हमारे कार्य की प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी शिशु एवं मातृ मृत्यु न हो। कलेक्टर ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चिरायु योजना की जानकारी ली। उन्होंने सभी स्कूलों के बच्चों का शत प्रतिशत स्वास्थ्य की जांच कराने कहा और इसकी नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि जिले में कोई भी गर्भवती महिलाएं एवं कुपोषित बच्चे विभागीय सेवाओं एवं योजनाओं से वंचित न रहे। गर्भवती महिलाओं का आंगनबाड़ी केन्द्र एवं स्वास्थ्य केन्द्र में अनिवार्य रूप से पंजीयन होना चाहिए। प्रत्येक गर्भवती महिलाओं को आयरन एवं मल्टीविटामिन दवाई का सेवन कराने के लिए कहा। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनआर नवरतन, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरूप्रीत कौर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, खंड चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम, मितानिन नोडल, बीसी, एसपीएस, सीडीपीओ, पर्यवेक्षक, एनआरएलएम के प्रभारी उपस्थित थे।