साय सरकार के 2 साल बाद भी ‘मोदी की गारंटी’ नहीं हुई पूरी : विनोद
संविदा, दैवेभो कर्मचारियों को 100 दिन के भीतर नियमित करने का था वादा
महासमुंद। छग शासन के पूर्व संसदीय सचिव व पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार को 2 वर्ष होने को है, इन दो वर्षों में सरकार ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया, जिससे प्रदेशवासियों के जीवन में बदलाव आए। राज्य सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है। कानून-व्यवस्था, गरीब, किसान, दलित और आदिवासी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, और इसके लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि भाजपा ने घोषणा पत्र में सरकार बनने के तुरंत बाद 57 हजार रिक्त पदों पर तथा 2 साल के भीतर 1 लाख खाली पदों पर भर्ती करने का संकल्प मोदी की गारंटी के तहत लिया था। इसके अलावा दैवेभो कर्मचारी, संविदा कर्मियों को नियमितीकरण के लिए सरकार बनने के 100 दिन के भीतर ही समीक्षात्मक प्रक्रिया आरंभ करने व कमेटी बनाने की बात कही थी। इस वादे पर क्रियान्वयन का आज 2 साल बाद भी अता-पता नहीं है। माह अगस्त 2025 से प्रदेश के 16 हजार से अधिक एनएचएम कर्मचारियों ने नियमितीकरण व वेतन वृद्धि जैसी मांगों को लेकर लगभग डेढ़ माह तक आंदोलन किया। सरकार ने आश्वासन देकर आंदोलन समाप्त कराया था, जिसमें शासन द्वारा कहा गया था कि 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि के साथ हड़ताल अवधि का वेतन भी दीपावली पूर्व उन्हें प्रदान किया जाएगा। लेकिन, दीपोत्सव जैसे सबसे बड़े त्योहार में उन्हें वेतन नहीं दिया गया। त्योहार में जहाँ पूरा प्रदेश खुशियां मना रहा था, वहीं सरकार के धोखेबाजी के कारण राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के हजारों कर्मचारी इस बार मायूसी और आर्थिक तंगी के बीच त्योहार मनाने को विवश हुए। हड़ताल अवधि में बर्खास्त किए गए 25 एनएचएम कर्मचारियों की बहाली भी नहीं की गई। चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण धान खरीदी में संलग्न सहकारी समिति के कर्मचारियों में भी सरकार के खिलाफ आक्रोश है।
