सरकार की बदनियती के कारण 9 हजार किसान धान बेचने से हुए वंचित : विनोद

महासमुंद। पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने प्रदेश में धान खरीदी की तिथि 15 दिन बढ़ाए जाने की मांग करते हुए कहा कि जिले में 9 हजार से अधिक किसान धान बेचने से वंचित हो गए हैं। जिले के 182 उपार्जन केंद्रों में कुल पंजीकृत 1 लाख 62 हजार 295 किसानों में से केवल 1 लाख 53 हजार 281 किसानों ने ही अपना धान बेचा है। इस लिहाज से 9014 किसान धान बेचने से वंचित हो गए हैं। जिले के अलावा पूरे प्रदेश के लगभग 3 लाख किसान धान नहीं बेच पाए हैं। भाजपायी कुप्रबंधन व देर से खरीदी शुरू करने के चलते अन्नदाता किसान धान बेचने से वंचित हो गए हैं। ऐसे में सरकार को किसानों से क्षमा मांगकर शीघ्र 15 दिन धान खरीदी के लिए और बढ़ाना चाहिए।
श्री चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश में अब तक धान खरीदी निर्धारित लक्ष्य से लगभग 15 लाख मिट्रिक टन कम हुई है। टोकन और बारदानों की कमी, परिवहन के अभाव में संग्रहण केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक धान के जाम हो जाने के कारण धान खरीदी धीमी गति से हुई। जिससेप्रदेश के लाखों किसान धान नहीं बेच पाए। महासमुंद जिले में भी धान खरीदी का लक्ष्य 2024-25 में सरकार द्वारा 12 लाख 45 हजार 963 मैट्रिक टन रखा गया था, जिसे वह पूरा नहीं कर पाई। जिले में लक्ष्य से लगभग 1 लाख एमटी धान की कम खरीदी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में पूरे 5 साल तक धान खरीदी लक्ष्य से अधिक ही होती रही। किसानों का एक-एक दाना धान खरीदा गया था। पूरे 5 वर्षों तक जिले में लक्ष्य से अधिक धान खरीदी हुई थी। लेकिन, भाजपा सरकार आते ही धान खरीदी व्यवस्था चरमरा गई।
चंद्राकर ने कहा है कि सरकार की उपेक्षा, उदासीनता और कुप्रबंधन के चलते ही छग के इतिहास में पहली बार किसान अपने उपज बेचने बेहद परेशान हुए। बारदाना की व्यवस्था से लेकर टोकन को लेकर पूरा सिस्टम लगातार बाधित रहा। मिलिंग और समय पर परिवहन करवाने में घोर लापरवाही बरती गई।