उपभोक्ता मामले विभाग ने अमानक हेलमेट के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया

नई दिल्ली 26 अक्टूबर 2024। उपभोक्ता मामले विभाग ने सड़क सुरक्षा बढ़ाने और उपभोक्ताओं को अमानक हेलमेट से बचाने के लिए जिला कलेक्टरों (डीसी) और जिला मजिस्ट्रेटों (डीएम) को एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने के लिए लिखा है। इस अभियान में दोपहिया सवारों को अमानक हेलमेट बेचने वाले निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं पर कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान बाजार में उपलब्ध हेलमेट की गुणवत्ता और सड़क पर जीवन की सुरक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर बढ़ती चिंताओं के कारण से प्रारंभ किया गया है।
यह पता चला है कि सड़क पर अमानक हेलमेट जिनके पास भारतीय मानक ब्यूरो का अपेक्षित प्रमाणन नहीं है, उनको बेचा जा रहा है। यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर जोखिम उत्पन्न करता है और सड़क दुर्घटनाओं में कई मौतों का कारण बनता है। इसलिए, इस मुद्दे से निपटने की तत्काल आवश्यकता है। सरकार ने भारतीय मानक ब्यूरो से प्राप्त लाइसेंस के बिना काम करने वाले या नकली आईएसआई मार्क का उपयोग करने वाले निर्माताओं के साथ-साथ इन अमानक उत्पादों को अनजान उपभोक्ताओं को बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया है। उपभोक्ता बीआईएस केयर ऐप के माध्यम से या भारतीय मानक ब्यूरो की वेबसाइट पर जाकर यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि हेलमेट निर्माता बीआईएस द्वारा लाइसेंस प्राप्त है या नहीं।
इस मामले पर नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव सुश्री निधि खरे ने कहा, “हेलमेट जीवन बचाते हैं, लेकिन केवल तभी जब वे अच्छी गुणवत्ता के हों। यह अभियान बाजार से असुरक्षित हेलमेट को हटाने और उपभोक्ताओं को बीआईएस-प्रमाणित उत्पादों के महत्व के बारे में शिक्षित करने में महत्वपूर्ण है। हम सभी हितधारकों से हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह करते हैं।”
यह ध्यान देने योग्य है कि सरकार ने पहले ही मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए दोपहिया वाहन सवारों के लिए हेलमेट एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है। हालांकि, हेलमेट की प्रभावशीलता इसकी गुणवत्ता पर बहुत अधिक निर्भर करती है। अमानक हेलमेट निर्धारित मानकों का पालन नहीं करते हैं और आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहते हैं, जिससे उन्हें पहनने का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है।
विभाग जिला अधिकारियों से इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेने और गुणवत्ता नियंत्रण को लागू करना सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का आग्रह करता है। इस अभियान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसे मौजूदा सड़क सुरक्षा अभियानों के साथ जोड़ा जाएगा। जिला अधिकारियों को इन उल्लंघनों की पहचान करने और उनका समाधान करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक और बीआईएस फील्ड अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।