प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया

भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डाक टिकट और सिक्का जारी किया
“सर्वोच्च न्यायालय के 75 वर्ष- यह भारत के संविधान और उसके संवैधानिक मूल्यों की यात्रा है! यह भारत की लोकतंत्र के रूप में विकास की यात्रा है!”
“सर्वोच्च न्यायालय के 75 वर्ष लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत के गौरव को और अधिक बढ़ाते हैं”
“आज़ादी के अमृत काल में भारत के 140 करोड़ नागरिकों का एक ही सपना है – विकसित भारत, नया भारत”
“भारतीय न्याय संहिता की भावना है ‘नागरिक पहले, सम्मान पहले और न्याय पहले’”
Delhi, Aug 31
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में जिला न्यायपालिका से संबंधित विषयों जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन, सभी के लिए समावेशी न्यायालय, न्यायिक सुरक्षा और न्यायिक कल्याण, केस प्रबंधन और न्यायिक प्रशिक्षण पर विचार-विमर्श और चर्चा करने के लिए पांच कार्य सत्रों का आयोजन किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत कुछ दिन पूर्व राजस्थान उच्च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह को याद करते हुए की और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 75वें वर्ष समारोह के हिस्से के रूप में आज आयोजित जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित होने के लिए आभार प्रकट किया। श्री मोदी ने रेखांकित किया कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय की 75 वर्षों की यात्रा केवल एक संस्था से जुड़ी हुई नहीं है, बल्कि यह भारत के संविधान, उसके मूल्यों और एक लोकतंत्र के रूप में भारत के विकास की यात्रा भी है। प्रधानमंत्री ने विकास की इस यात्रा में संविधान निर्माताओं और संपूर्ण न्यायिक व्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत के उन करोड़ों नागरिकों की भूमिका का भी उल्लेख किया, जिन्होंने इस न्यायिक प्रणाली की जिम्मेदारी सौंपी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत के लोगों ने कभी भी भारत के सर्वोच्च न्यायालय या न्यायपालिका के प्रति अविश्वास व्यक्त नहीं किया।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के 75 वर्षों की यात्रा लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत के गौरव को बढ़ाती है। यह सत्य मेव जयते, नानृतम के सांस्कृतिक उद्घोष को सुदृढ़तापूर्वक प्रस्तुत करती है। यह देखते हुए कि देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं और संविधान के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह अवसर गर्व और प्रेरणा से ओत-प्रोत है। उन्होंने इस अवसर पर न्यायिक व्यवस्था के सभी समुदायों और भारत के नागरिकों को बधाई दी और जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी मान्यगणों को अपनी शुभकामनाएं भी दी।