ग्राम कमालूर की ’’सुनिता’’ बनी संघर्ष की मिसाल
दंतेवाड़ा, 06 नवंबर 2025। ग्राम कमालुर (20 किमी दूरी) की निवासी सुनिता, जिनके पति मड़कू की नक्सलियों द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई थी, आज अपने साहस और आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं। कठिन परिस्थितियों के बावजूद सुनिता ने हार नहीं मानी और अपने एकमात्र बेटे के भविष्य के लिए संघर्ष जारी रखा। उनका बेटा, जो सुनने और बोलने में असमर्थ है, वर्तमान में सक्षम विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहा है। सुनिता ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपने जीवन को एक नई दिशा दी है। उन्हें विधवा पेंशन योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, महतारी योजना, बस पास, मनरेगा से मुर्गी शेड और शौचालय निर्माण जैसी सुविधाओं का लाभ प्राप्त हुआ है। इन योजनाओं ने न केवल उनके जीवन स्तर को सुधारा है बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है। हाल ही में राज्य की रजत जयंती समारोह के अवसर पर सुनिता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का अवसर भी मिला। यह पल उनके संघर्ष और दृढ़ इच्छाशक्ति की पहचान बन गया। आज सुनिता अपने गाँव में एक प्रेरणा बन चुकी हैं कृ जो बताती हैं कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, हौसला और आत्मविश्वास से हर संघर्ष जीता जा सकता है।
