देवउठनी के बाद मांगलिक कार्य होंगे शुरू

नवंबर में सात और दिसंबर में 10 विवाह के मुहूर्त
महासमुंद। देवउठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यों की फिर एक बार शुरूआत होने जा रही है। एकादशी के बाद नवंबर में सात और दिसंबर में कुल 10 विवाह मुहूर्त हैं, जिसमें शहनाईयों की गूंज सुनाई देगी। इस दौरान जिन वर-वधु का विवाह संपन्न होना है उन घरों में तैयारियां अंतिम चरण में है।
बता दें कि रथ यात्रा के बाद भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को शयन करने चले जाते हैं। जिसके बाद से ही शुभ व मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। खासकर विवाह प्रयोजन नहीं होते। दीपावली के ग्यारह दिन बाद पड़ने वाले कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को प्रबोधनी व देवोत्थान एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार माह शयन के बाद उठते है। जिसके साथ ही शुभ व मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाती है। इस बार कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी या देवउठनी एकादशी 1 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन से मांगलिक कार्य शुरू तो होंगे पर विवाह मुहूर्त 22 नवंबर से है। नवंबर में 22, 23, 24, 25, 27, 29 और 30 को शादी का मुहूर्त है। वहीं दिसंबर में मात्र 4, 5 और 6 तारीख को विवाह मुहूर्त है। इधर, उक्त मुहूर्त में जिन घरों में शादी होनी है वहां तैयारियाँ अंतिम चरण में है। शादी के लिए हॉल, हलवाई, बैंड, गाड़ी की तो बुकिंग पहले हो चुकी है पर कपड़े, आभूषण व अन्य खरीदारी के लिए इन दिनों बाजारों में फिर रौनक है।
जनवरी में नहीं, फरवरी में फिर मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार इस साल नवंबर से मार्च तक विवाह के 18 मुहूर्त हैं। नवंबर और दिसंबर के बाद जनवरी 2026 में शादी के मुहूर्त नहीं है। इसके बाद फरवरी में 5, 10, 20 व 21 को और मार्च में 9,10,11 और 12 को विवाह मुहूर्त है।