सहकारी समिति प्रबंधक और कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी

चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन का दूसरा चरण आज
महासमुंद। 15 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी होनी है। इससे पहले ही सहकारी समितियों में कार्यरत समिति प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, कर्मचारी, सेल्समेन और आपरेटरों ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। आज मांगों को लेकर एक दिवसीय संभागीय स्तर का प्रदर्शन धमतरी के गांधी मैदान में जारी है। जिसमें जिले के सभी कर्मचारी शामिल हुए है। छ.ग. सहकारी समिति कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने बताया कि आज एक दिवसीय संभागीय ज्ञापन रैली के पश्चात आगामी 3 नवंबर से 11 नवंबर तक प्रदेश के सभी संभागों में कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की जाएगी। यदि मांगें नहीं मानी गयी तो 12 नवंबर से प्रदेश स्तर पर हड़ताल शुरू होगा। छतीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के इस आह्वान मे धान खरीदी कंप्यूटर संघ का भी पूरा समर्थन होने से समिति का कार्य पूरा ठप्प होने के आसार है।
बता दें कि वर्ष 2023-24 में धान परिदान पश्चात हुई संपूर्ण सूखत मान्य कर राशि समितियों को देते हुए धान खरीदी वर्ष कंडिका में परिवहन के बाद संपूर्ण सूखत समिति को दें अथवा प्रत्येक सप्ताह संपूर्ण परिवहन हो। शून्य शार्टेज प्रोत्साहन का भी प्रावधान कर विभिन्न प्रदत्त कमीशन, प्रसांगिक, सुरक्षा व्यय में बढ़ोतरी की जाए। मध्यप्रदेश सरकार की भांति शासकीय उचित मूल्य दुकानदारों के विक्रेताओं को प्रतिमाह 3 हजार रुपए दियाजाए। अधिकारी प्रभारी को खरीदी से सम्पूर्ण धान परिवहन मिलान अंतिम तक सूखत की जिम्मेदारी लिखित में जारी किया जाए। प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतनमान देने के लिए प्रति वर्ष प्रत्येक समितियों को 3.3 लाख रूपए प्रबंधकीय अनुदान राशि मध्यप्रदेश सरकार की भांति दी जाए। उक्त मांगों को लेकर सहकारी समितियों में कार्यरत समिति प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, कर्मचारी, सेल्समेन और आपरेटरों ने 24 अक्टूबर को जिले में एक दिवसीय हड़ताल कर जिला मुख्यालय में रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। आंदोलन की दूसरी कड़ी में आज संभाग स्तरीय धरना-प्रदर्शन धमतरी में जारी है। छतीसगढ़ संघ के अध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने कहा है कि धान खरीद के अनुबंध से कुछ नीतियों में सुधार की महती आवश्यकता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो सोसाइटियों की साख पर बुरा असर पड़ सकता है, जिसे बचाना आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि 15 नवंबर से पूर्व कर्मचारियों की आवश्यक मांगों पर सरकार फैसला लें, ताकि धान खरीद जैसे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की जा सके।
धान खरीदी के लिए 18 दिन शेष
मालूम हो कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए मात्र 18 दिन ही बाकी है। ऐसे में सोसाइटी कर्मचारियों के आंदोलन से किसानों का पंजीयन, कैरी फारवर्ड, एग्रीस्टेक का कार्य प्रभावित होगा। बता दें कि 31 अक्टूबर तक यह सभी कार्य करने की अंतिम तारीख है और अभी तक 30 प्रतिशत किसानों का पंजीयन नहीं हुआ है।