खरीफ धान फसल में कीट व्याधि नियंत्रण, समसामयिक सलाह

दुर्ग, 10 अक्टूबर 2025/ फसल को कीट व्याधियों से बचाने तथा कृषकों को उचित मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से कृषि विभाग ने वैज्ञानिकों की सलाह पर आधारित, प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के लिए कीट और रोग नियंत्रण हेतु तत्काल कार्रवाई योजना (दवा और मात्रा) जारी की है। जिसके अनुसार दुर्ग संभाग में कुल 1123.31 हजार हेक्टेयर. क्षेत्र में खरीफ फसल लगायी गयी है तथा फसल स्थिति अच्छी है। फसलों की मैदानी अमलों द्वारा सतत् मॉनिटरिंग की जा रही है तथा कीट व्याधियों के प्रकोप की स्थिति में नियंत्रण हेतु कृषकों को उचित कीटनाशक दवा की कृषि वैज्ञानिक अनुशंसित मात्रा अनुसार उपयोग करने की सलाह एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है।
संभाग के संयुक्त संचालक कृषि से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज की स्थिति में दुर्ग संभाग में 953.50 हजार हेक्टे. क्षेत्र में धान फसल में तनाछेदक, पत्तीमोड़क, भूरा माहू, पेनिकल माइट्स आदि कीट एवं फफुंद जनित ब्लास्ट, शीथ ब्लाईट एवं बैक्टीरियल लीफ ब्लाईट रोग से प्रभावित 82539 हेक्टे. रकबे की जानकारी संज्ञान में आयी है, जिसके नियंत्रण हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसा अनुसार तनाछेदक में हाइड्रोक्लोराइड 50 डब्ल्यूपी मात्रा 1 किलो/हेक्टे., क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 150 मि.ली./हेक्टे, पत्तीमोड़क में फिपरोनिल 5एससी 800 मि.ली./हेक्टेयर भूरा माहू पाइमेट्रोजिन 50 डब्ल्यूपी मात्रा 300 ग्राम/हेक्टे, पेनिकल माइट्स हेतु हेक्सीथायाजोक्स 5.45 ईसी 500 मि.ली.$ प्रोपीकोनाजोन 25 ईसी 500 मि.ली./हेक्टेयर आदि कीट एवं फफूंद जनित रोग यथा ब्लास्ट एवं शीथ ब्लाईट हेतु ट्राईसाइक्लोजोल 300 ग्राम/हेक्टेयर, तथा बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट नियंत्रण हेतु स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 30 ग्राम/हेक्टर. दवा का उपयोग 500 लीटर पानी के साथ घोल तैयार कर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करने हेतु कृषकों को सलाह दिया गया है। वर्तमान में कीटव्याधि प्रकोप नियंत्रण की स्थिति में है तथा फसलों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होने की जानकारी जिलों के मैदानी अमलों द्वारा प्राप्त हुई है।