हमर स्वस्थ लईका अभियान से खुशी हुई कुपोषण मुक्त

हेल्थ फ्राइडे अभियान से मिला पोषण और स्वास्थ्य का नया जीवन
बेमेतरा 07 अक्टूबर 2025/- छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना “हमर स्वस्थ लईका अभियान (हेल्थ फ्राइडे)” ने ग्राम भिलौरी की झीना साहू जैसी अनेक माताओं के जीवन में उम्मीद की नई किरण जगाई है। झीना साहू, जो एक गृहणी हैं और जिनका परिवार पूरी तरह कृषि पर निर्भर है, आर्थिक तंगी के चलते अपने बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थीं। सीमित आमदनी के कारण बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति भी कठिन होती थी, जिससे उनके बच्चों का पोषण स्तर लगातार गिरता गया और उनकी छोटी बेटी खुशी मध्यम कुपोषण की स्थिति में पहुँच गई। इसी दौरान ग्राम की आंगनबाड़ी सहायिका ने झीना साहू से संपर्क किया और उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र बुलाया। वहाँ कार्यकर्ता ने खुशी के पोषण स्तर की जानकारी देते हुए झीना को शासन की महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। इसी चर्चा में उन्हें “हमर स्वस्थ लईका अभियान (हेल्थ फ्राइडे)” के बारे में बताया गया।
यह अभियान राज्य शासन की एक जनकल्याणकारी पहल है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय शुक्रवार को कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इस दौरान बच्चों को आवश्यक औषधियाँ जैसे जिंक टेबलेट, ओ.आर.एस. पाउडर और विटामिन सिरप निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं। साथ ही माताओं को बच्चों के संतुलित आहार और पोषण संबंधी जानकारी भी दी जाती है। इस अभियान के तहत झीना साहू की बेटी खुशी को भी स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की गईं। झीना ने नियमित रूप से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मार्गदर्शन में खुशी को समय पर दवाएँ दीं और पोषणयुक्त आहार देना शुरू किया। परिणामस्वरूप कुछ ही महीनों में खुशी के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। पहले मध्यम कुपोषण से जूझ रही खुशी का अब वजन 14.3 किलोग्राम हो गया है, जो उसकी उम्र के अनुसार सामान्य स्तर पर है।
अपनी बच्ची के स्वस्थ होने पर झीना साहू ने भावुक होकर कहा कि हमर स्वस्थ लईका अभियान ने मेरी बच्ची के जीवन को नया संबल दिया है। आज खुशी पूरी तरह स्वस्थ है। मैं शासन और महिला एवं बाल विकास विभाग की पूरी टीम की आभारी हूँ जिन्होंने हमें यह सहायता प्रदान की। हमर स्वस्थ लईका अभियान ने न केवल खुशी जैसी बच्चियों को कुपोषण से मुक्त किया है, बल्कि ग्रामीण परिवारों में स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई है। यह अभियान बेमेतरा जिले में एक सशक्त पहल के रूप में उभर रहा है, जो स्वस्थ, सशक्त और कुपोषण मुक्त समाज की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।