शहर की सड़कों पर मवेशियों का डेरा

हाई कोर्ट का आदेश और प्रशासन की चेतावनी बेअसर
महासमुंद। उच्च न्यायालय और जिला प्रशासन की बार-बार चेतावनी के बावजूद मवेशी मालिकों पर कोई असर नहीं हो रहा है। शहर की सड़कों पर आवारा घुमते मवेशी वाहन चालकों व राहगीरों के लिए खतरा बना हुआ है। जिला मुख्यालय की सड़कों पर इससे सड़क दुर्घटना होती है और जनहानि का खतरा बना रहता है। मवेशियों को पकड़कर सुरक्षित आश्रय में रखने का प्रावधान किया गया है, लेकिन इस पर गंभीरता से अमल नहीं हो रहा है।
वैसे तो सड़कों पर सालभर मवेशी दिखाई देते हैं, पर बरसात में सूखी जगह की तलाश में सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा बढ़ जाता है। शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग 353, कलेक्टोरेट मार्ग, स्टेशन, महामाया मार्ग, पिटियाझर मार्ग सहित शहर के अन्य मार्गों पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। कई मवेशी व वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर थोड़ी सख्ती के बाद मवेशी मालिकों पर लाखों रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा रेडियम बेल्ट, टैगिंग और राजमार्ग से इन्हें हटाया गया और चेतावनी भी दी गयी। पर, इसका कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा है। आज भी अधिकतर मवेशी सड़कों पर घूम रहे हैं। सड़कों पर घुमंतू मवेशियों के कारण दुर्घटनाओं की शिकायतें रहती है। खास कर शहरी क्षेत्रों में घरों में रखने की पर्याप्त व्यवस्था न होने अथवा अनुपयोगी होने पर पशुपालक मवेशियों को खुले में छोड़ देते हैं।
कलेक्टोरेट सड़क पर अंधेरा, ज्यादा खतरा यहीं
इन दिनों कलेक्टोरेट मार्ग का चौड़ीकरण कार्य जारी है। जिससे सड़क की दोनों ओर लगी स्ट्रीट लाइट को निकाल लिया गया है। जिसके कारण बरौडा चौक से कलेक्टर बंगले तक अंधेरा पसरा रहता है और इसी सड़क पर मवेशियों का अधिक जमावड़ा रहता है। जबकि जिले के बड़े प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों का इसी सड़क से हमेशा आना-जाना लगा रहता है । साथ ही इनके आवास भी यहीं है।
मवेशियों से दुकानदार भी परेशान
सड़कों पर विचरण करने वाले आवारा मवेशियों से दुकानदार भी खासे परेशान हैं खासकर होटल, चाय-नाश्ता, फल दुकानदार व अन्य दुकानदार जो अन्य खाद्य सामग्री की बिक्री करते हैं। होटल व्यवसायी, चाय दुकान, फल व्यवसायी ने बताया कि आवारा मवेशी परेशान हो चुके हैं। आएदिन मवेशी खाने-पीने की सामग्रियों को नुकसान पहुंचाते हैं साथ ही दुकानों के सामने ग्राहकों की गाड़ी में रखे सामानों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। पालिका प्रशासन को चाहिए कि इन आवारा मवेशियों को पड़कर इन्हें कांजी हाऊस में रखें और मवेशी मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करें।